बकरियों का टीकाकरण करते चिकित्सक.

तीन लाख पशुओं को लगाया जायेगा पीपीआर टीका : डीएम सुपौल : पशुपालन सदियों से स्वरोजगार का एक सशक्त माध्यम रहा है. पशुपालक अपने जीविकोपार्जन के साथ-साथ समाज की जरूरत जैसे दूध, मांस, जैविक खाद आदि उपलब्ध करवा कर विकसित भारत निर्माण में अपना योगदान दे रहे हैं. पशुपालन के व्यवसाय को भारत में कृषि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 18, 2016 4:43 AM

तीन लाख पशुओं को लगाया जायेगा पीपीआर टीका : डीएम

सुपौल : पशुपालन सदियों से स्वरोजगार का एक सशक्त माध्यम रहा है. पशुपालक अपने जीविकोपार्जन के साथ-साथ समाज की जरूरत जैसे दूध, मांस, जैविक खाद आदि उपलब्ध करवा कर विकसित भारत निर्माण में अपना योगदान दे रहे हैं. पशुपालन के व्यवसाय को भारत में कृषि का दर्जा भी दिया गया है. जन जीवन से जुड़े इस व्यवसाय को संवारने के लिए सरकार संकल्पित है. उपरोक्त बातें गुरुवार को जिला पदाधिकारी बैद्यनाथ यादव ने पशुपालक कार्यालय में पीपीआर टीकाकरण अभियान का शुभारंभ करते हुए कही. डीएम ने कहा कि विषाणु जनित बीमारियों के कारण प्रत्येक वर्ष हजारों पशु मर जाते हैं.
इस कारण पशु पालकों को आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ता है, लेकिन अब ऐसे बीमारियों को चिह्नित कर बचाव व उपचार के टीके इजाद कर लिये गये हैं. जिले के करीब तीन लाख बकरी और भेड़ों को विषाणु जनित रोगों से बचाव के लिए पीपीआर का टीका नि:शुल्क लगाया जायेगा. कोसी की जलवायु में बकरी पालन की अपार संभावना हैं. उमदा नस्ल की बकरी जैसे यमुनापारी, बागर आदि नस्लों का पालन कर कोसी के युवा दूसरे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा कर सकते हैं.
मौके पर जिला पशुपालन पदाधिकारी अशोक कुमार शर्मा ने कहा कि पीपीआर टीकाकरण अभियान की सफलता को लेकर प्रखंड स्तर पर अलग-अलग टीम का गठन किया गया है. मौके पर अनुमंडल पशुपालन पदाधिकारी डॉ भुवनेश्वर सिंह, शल्य चिकित्सक डॉ शालिग्राम मंडल, डॉ संजय राम, डॉ रविंद्र कुमार रविंद्र, आदि उपस्थित थे.

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