धन्यवाद नीतीश बाबू , मैंने शराब छोड़ दी…

शराब बंदी की वजह से 25 वर्षों से लगी शराब की लत छूट गयी शराब में खर्च हो रहे पैसे बचे तो परचून की दुकान खोल ली बच्चे अब स्कूल के अलावा ट‍्यूशन भी पढ़ पा रहे मुख्यमंत्री के इस फैसले की तारीफ करता नहीं थक रहा राजाराम का परिवार नीतीश बाबू ने उनका परिवार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 23, 2016 4:17 AM

शराब बंदी की वजह से 25 वर्षों से लगी शराब की लत छूट गयी

शराब में खर्च हो रहे पैसे बचे तो परचून की दुकान खोल ली
बच्चे अब स्कूल के अलावा ट‍्यूशन भी पढ़ पा रहे
मुख्यमंत्री के इस फैसले की तारीफ करता नहीं थक रहा राजाराम का परिवार
नीतीश बाबू ने उनका परिवार उजड़ने से बचा लिया
सुपौल : बिहार सरकार द्वारा सूबे में लागू की गयी पूर्ण शराब बंदी ने राजाराम का जीवन ही बदल दिया है. निम्न मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले राजाराम ने शराब पीना पूरी तरह छोड़ दिया है. करीब 25 वर्षों से लगी शराब की लत छूटने के बाद उसका जीवन पुन: पटरी पर लौटने लगा है. जिससे न सिर्फ उसके बल्कि पूरे परिवार के लोगों में एक बेहतर भविष्य की आस जग गयी है. किसनपुर प्रखंड के सिंगियावन गांव निवासी राजाराम चौधरी को कम उम्र में ही शराब की लत लग गयी थी.
रोज नशे का सेवन करना उनका दिनचर्या बन चुका था. परिणाम हुआ कि राजाराम की आर्थिक स्थिति दिन ब दिन बदतर होती चली गयी. शराब ने अच्छे भले नौजवान शरीर को भी बीमार व बेकार बना डाला. पत्नी व दो बच्चों के भविष्य के समक्ष भी संकट की स्थिति उत्पन्न हो चुकी थी. परिवार पैसे-पैसे के लिए मोहताज हो चुका था. 14 वर्षीया पुत्री व 09 वर्षीय पुत्र की पढ़ाई भी बाधित हो चुकी थी. परिवार व समाज के समझाने बुझाने का कोई असर भी राजाराम पर काम नहीं आ रहा था.
तभी गत अप्रैल माह में बिहार सरकार ने शराबबंदी की घोषणा कर दी. जारी आदेश के बाद शराब मिलना बंद हो गया. नशे के लत में डूब चुके राजाराम के समक्ष संकट पैदा हो गया. लत के सुरूर को मिटाने के लिए कुछ दिनों तक राजाराम ने भांग का सहारा लिया, लेकिन एकाध माह गुजरते यह आदत भी छूट गयी. शराबबंदी के करीब तीन माह बीत जाने के बाद राजाराम को शराबबंदी का लाभ समझ में आने लगा. उसका स्वास्थ्य बेहतर होने लगा. शराब में खर्च होने वाले पैसे भी बचने लगे. परिवार व समाज की झिड़किया भी अब नहीं सुननी पड़ती थी.
परचून की दुकान पर पत्नी के साथ राजाराम.खबर
लोगों ने की मदद, खोली दुकान
नशे के आगोश से निकलने के बाद राजाराम को अपने व परिवार के भविष्य की चिंता सताने लगी. गांव में बिके कुछ जमीन तथा लोगों की मदद से उन्होंने करीब तीन माह पूर्व जिला मुख्यालय स्थित नगर परिषद के सामने परचून की एक छोटी सी दुकान खोल ली. दिन भर शराब की ताक में रहने वाला राजाराम अब एक कुशल व्यवसायी की तरह सुबह से शाम तक दुकान पर ड‍्यूटी बजाता है. बताता है कि यहां उसे भाइयों से हुए बंटवारे में मात्र नौ धूर जमीन हिस्सा में मिला है.
जिस पर पहले एक दुकान भाड़े पर लगा रखा था. नशे की लत ऐसी कि महीना पूरा होने से पहले ही भाड़ेदार से एडवांस में ही रुपये लेकर शराब पी जाता था. अब जिंदगी बदल चुकी है. भाड़े की जगह खुद का दुकान है. छोटी दुकान से ही घर-परिवार का पेट भी चलने लगा है. बच्चे भी अब स्कूल के अलावा ट‍्यूशन भी पढ़ रहे हैं.
मंशा है कि सरकार व स्थानीय बैंक थोड़ी मदद कर दें तो व्यवसाय और भी बढ़ा लेंगे. बदले जीवन से राजाराम व उनके परिवार के सदस्यों के चेहरों पर लौटी चमक स्पष्ट देखी जा सकती है. राजाराम के साथ ही उनकी पत्नी अर्चना देवी इन सबके लिये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ करते नहीं थकती. कहती हैं कि मुख्यमंत्री के इस ऐतिहासिक फैसले ने उनका परिवार उजड़ने से बचा दिया. जिसके लिये वे सदा नीतीश कुमार के अभारी रहेंगे.

Next Article

Exit mobile version