यक्ष्मा पर्यवेक्षक के खाते से उड़ाये 54 हजार

ठगी के तीन दिन बाद पीड़ित पहुंचे सदर थाना प्राथमिकी दर्ज सुपौल : साइबर क्राइम की घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों ने सदर अस्पताल में पदस्थापित वरीय यक्ष्मा पर्यवेक्षक अनिल कुमार के खाता से 54 हजार 560 रुपये नेट बैंकिंग के माध्यम से निकाल लिया. घटना को लेकर अनिल के आवेदन पर सदर थाना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 30, 2016 6:13 AM

ठगी के तीन दिन बाद पीड़ित पहुंचे सदर थाना प्राथमिकी दर्ज

सुपौल : साइबर क्राइम की घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों ने सदर अस्पताल में पदस्थापित वरीय यक्ष्मा पर्यवेक्षक अनिल कुमार के खाता से 54 हजार 560 रुपये नेट बैंकिंग के माध्यम से निकाल लिया. घटना को लेकर अनिल के आवेदन पर सदर थाना में कांड संख्या 552/16 दर्ज किया गया है. थाना में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार यक्ष्मा पर्यवेक्षक को दिनांक 24 नवंबर को कॉल आया और कॉल करने वाले व्यक्ति ने अपने आप को भारतीय स्टेट बैंक सुपौल का स्टाफ बताते हुए अनिल को उनका एकाउंट नंबर बताते हुए कहा कि आपके एकाउंट को बंद किया जा रहा है. अगर एकाउंट को चालू रखना चाहते हैं
तो आप अपना एटीएम कार्ड जो फरवरी 2016 में एक्सपायर कर गया है, का नंबर बताये. एकाउंट बंद होने की बात जान कर अनिल ने एटीएम कार्ड का नंबर कॉल करने वाले व्यक्ति को बता दिया. पुन:
थोड़ी देर बाद उस व्यक्ति को फोन किया और एटीएम एक्टीवेट नहीं होने की जानकारी देकर किसी दूसरे एटीएम कार्ड का नंबर पूछने लगा. अनिल ने पंजाब नेशनल बैंक के एटीएम का नंबर भी कॉल करने वाले व्यक्ति को बता दिया. थोड़ी देर बाद पंजाब नेशनल बैंक के एटीएम नंबर से लगातार सात किस्तों में 54 हजार 560 रुपये की निकासी कर ली गयी. राशि निकासी का मैसेज मिलने के बाद अनिल को ठगी का एहसास हुआ. वहीं घटना को लेकर 28 नवंबर को थाना में शिकायत दर्ज करवाया गया है. थानाध्यक्ष राजेश्वर सिंह ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर छानबीन कर रही है.
माहौल का फायदा उठा रहे हैं साइबर अपराधी: वीरपुर . नोटबंदी की अफरातफरी के बीच जहां लोगों पाई-पाई के मोहताज हैं. वहीं साइबर अपराधी मौजूदा माहौल का फायदा उठाकर अपनी रोटी सेंकने में लगे हुये हैं. साइबर अपराधी मोबाइल पर लोगों से खुद को आयकर विभाग का अधिकारी बताकर लोगों से उनके अकाउंट का डिटेल पूछने के साथ-साथ डंके की चोट पर अकाउन्ट का बैलेन्स भी जानने का प्रयास करते हैं. इतना ही नहीं बल्कि आपने अकाउंट में कितना पैसा डाला.
अकाउंट ओपन करते वक्त पैन कार्ड का आइडी डाला था कि नहीं, आपके पैन कार्ड का नंबर क्या है, आपने एटीएम लिया था कि नहीं अगर आपने एटीएम लिया था तो उस एटीएम कार्ड का नंबर क्या है आदि-आदि. इस बात का खुलाशा तब हुआ जब घूरना निवासी सदानंद साह ने इस बाबत अनजान मोबाइल नम्बर (09 534884936) से आये एक फोन पर अपने इनकम-टैक्स अधिकारी बताया.

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