न्याय के संघर्ष पथ पर राघव को मिली जीत
एसपी ने अनुसंधानकर्ता एसडी सिंह को ब्लैक मार्क की दी सजा सुपौल : सदर प्रखंड के बभनी निवासी निकशे झा उर्फ राघव ने सदर थाना कांड संख्या 224/15 मामले में अनुसंधानकर्ता एएसआइ एसडी सिंह द्वारा गलत अनुसंधान किये जाने के विरुद्ध तत्कालीन एसपी को 25 सितंबर 2015 को आवेदन दिया था. आवेदन की जांच एएसपी […]
एसपी ने अनुसंधानकर्ता एसडी सिंह को ब्लैक मार्क की दी सजा
सुपौल : सदर प्रखंड के बभनी निवासी निकशे झा उर्फ राघव ने सदर थाना कांड संख्या 224/15 मामले में अनुसंधानकर्ता एएसआइ एसडी सिंह द्वारा गलत अनुसंधान किये जाने के विरुद्ध तत्कालीन एसपी को 25 सितंबर 2015 को आवेदन दिया था. आवेदन की जांच एएसपी शैलेश कुमार सिन्हा ने किया. उन्होंने 27 नवंबर 2015 को अपनी जांच रिपोर्ट में अनुसंधानकर्ता को दोषी करार दिया था. बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई.
राघव ने 13 जनवरी 2016 को मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया. आयोग ने नौ मई 2016 को वाद की सुनवाई करते हुए एसपी व पीड़ित निकेश झा उर्फ राघव को आयोग में सशरीर उपस्थित होने का निर्देश दिया. एसपी के स्थान पर सदर एसडीपीओ वीणा कुमारी उपस्थित हुई.
आयोग ने सुनवाई में माना कि अनुसंधानकर्ता गलत अनुसंधान के लिए दोषी है. तत्काल ही अनुसंधानकर्ता के खिलाफ आयोग ने कार्रवाई का निर्देश दिया. कार्रवाई संचालन का जिम्मा एएसपी को दिया. इसके बाद एएसपी के प्रतिवेदन के आधार पर एसपी डॉ कुमार एकले ने अनुसंधानकर्ता एसडी सिंह को ब्लैक मार्क की सजा दी . गौरतलब है कि ब्लैक मार्क मिलने के बाद कर्मी के पदोन्नति में अगले तीन वर्ष के लिए रोक दिया जाता है. एएसआइ सदर थाना में पदस्थापित है.