रोज गुजरते हैं सैकड़ों वाहन
परेशानी. जानलेवा है फकिरना से दुअनियां जानेवाली सड़क राघोपुर प्रखंड क्षेत्र के फकिरना चौक से दुअनियां तक जाने वाली सड़क क्षतिग्रस्त व जानलेवा हो गयी है. फिर भी प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रही है. इस मार्ग पर प्रतिदिन सैकड़ों वाहनों का परिचालन होता रहता है. करजाइन : एक तरफ सरकार जहां कम से […]
परेशानी. जानलेवा है फकिरना से दुअनियां जानेवाली सड़क
राघोपुर प्रखंड क्षेत्र के फकिरना चौक से दुअनियां तक जाने वाली सड़क क्षतिग्रस्त व जानलेवा हो गयी है. फिर भी प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रही है. इस मार्ग पर प्रतिदिन सैकड़ों वाहनों का परिचालन होता रहता है.
करजाइन : एक तरफ सरकार जहां कम से कम 250 की आबादी वाले टोले को पक्की सड़क से जोड़ने के लिए रोड मैप योजना तैयार कर सड़क बनाने की कवायद कर रही है. साथ ही सरकार की सात निश्चय योजना में भी यातायात सुविधाओं को शामिल कर इसे महत्वपूर्ण माना है. वहीं दूसरी तरफ राघोपुर प्रखंड क्षेत्र के फकिरना चौक से दुअनियां तक जाने वाली सड़क क्षतिग्रस्त व जानलेवा हो गयी है. यह सड़क एनएच 106 से निकलकर फकिरना, दौलतपुर, श्रीपुर, सितुहर आदि दर्जनों गांवों को जोड़ते हुए एनएच 57 में मिलती है. साथ ही यह सड़क इस इलाके का एक मात्र मुख्य पथ माना जाता है,
लेकिन विभागीय अधिकारी के देखरेख के अभाव में यह सड़क लोगों के लिए जानलेवा बना हुआ है. ज्ञात हो कि उक्त मार्ग से प्रतिदिन सैकड़ों वाहन का परिचालन होता रहा है. ऐसी स्थिति में सड़क पर बने गड्ढे के कारण आये दिन वाहन चालक सहित राहगीर दुर्घटना के शिकार भी होते रहे हैं. उक्त सड़क की जर्जरता सरकार की विकास का दावा को खोखला साबित कर रही है. यहां तक कि उक्त समस्या को लेकर क्षेत्रवासियों द्वारा कई बार ग्रामीण विकास विभाग को लिखित व मौखिक रूप में जानकारी दी गयी. बावजूद इसके नतीजा अब तक ढाक के तीन पात साबित हुआ है.
कहते हैं स्थानीय लोग : स्थानीय कृष्ण देव साह, अजय कुमार, तारानंद मंडल, मन्नू कुमार, नरेश राम, बोन शर्मा, ललन चौधरी, शिबू साह, सूर्यदेव मरिक, श्याम चौधरी आदि लोगों ने बताया कि उक्त सड़क जर्जर हो जाने के चलते यहां के लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ता है. स्थानीय विभाग द्वारा समुचित तरीके से सड़क की मरम्मत कार्य कराया जाता तो ऐसी स्थिति नहीं होती. लोगों ने बताया कि विभाग द्वारा सड़क के जीर्णोद्धार कार्य में उदासीनता बरती जा रही है, जिसका खामियाजा आमजनों को उठाना पड़ रहा है. अब उन लोगों की निगाहें सरकार के सात निश्चय योजना पर टिकी हुई है. स्थानीय लोगों की माने तो उक्त पथ पर यात्रा हिम्मत, धैर्य व कुशलता का प्रमाण है.