11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रंजीत रंजन ने सरकार से की शादियों में फिजूलखर्ची पर रोक लगाने की सिफारिश

नयी दिल्ली : बिहारके सुपौल से कांग्रेस सांसद रंजीत रंजनने कहा है कि भारत में शादियां बड़ी खुशी का अवसर होती हैंऔर समारोह कई दिनों तक चलता है. इसकी तैयारी महीनों पहले शुरू हो जाती हैं. इन समारोहों में लाखों और करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाए जाते हैं.भारी संख्यामें लोगों के खाने का इंतजाम […]

नयी दिल्ली : बिहारके सुपौल से कांग्रेस सांसद रंजीत रंजनने कहा है कि भारत में शादियां बड़ी खुशी का अवसर होती हैंऔर समारोह कई दिनों तक चलता है. इसकी तैयारी महीनों पहले शुरू हो जाती हैं. इन समारोहों में लाखों और करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाए जाते हैं.भारी संख्यामें लोगों के खाने का इंतजाम किया जाता है. अब इस पर रोक लगायीजानीचाहिए. रंजीत रंजन ने कहा कि उन्होंने सरकार से इसको लेकर आग्रह किया है कि अगरकोई पांचलाखरुपयेसे अधिक की राशि शादीसमारोह पर खर्च करता है तो उसपर 10 प्रतिशत कर लगाया जाये और यह पैसा गरीब लड़कियों की शादियों पर खर्च किया जाना चाहिए.

शादियों में जरुरत से कहीं अधिक खर्च करने के रिवाज पर चिंता जाहिरकरते हुए रजीत रंजन आगे कहती है कि आज के समय में शादीसमारोह में दिखावे के लिए अधिक खर्च करने का प्रचलन हो गया है. शादियों मेंऐसे ही फिजूलखर्ची को कम करने के लिए एक बिल तैयार किया गया है.इस प्राइवेट मेंबर बिल को सांसद रंजीत रंजन ने तैयार किया है और इसी को लेकर उन्होंने सरकार से आग्रह किया है.

इसमें यह प्रावधान किया गया है कि जो लोग शादी ब्याह में 5 लाख रुपये से अधिक राशि खर्च करते हैं, वे गरीब परिवार की लड़कियोंं के विवाह में योगदान करें. अगर कोई परिवार विवाह के दौरान पांच लाख रुपये से अधिक राशि खर्च करता है, तब उसे गरीब परिवार की लड़कियों के विवाह में इसकी 10 प्रतिशत राशि का योगदान देना चाहिए.

लोकसभा के आगामी सत्र में विवाह (अनिवार्य पंजीकरण और फिजूलखर्च रोकथाम ) विधेयक 2016 एक निजी विधेयक के रूप में पेश किया जायेगा. इससे पहले रंजीत रंजन ने कहा कि इस विधेयक का मकसद विवाह में फिजूलखर्ची रोकना और सादगी को प्रोत्साहन देना है. उन्होंने कहा, शादी दो लोगों का पवित्र बंधन होता है और ऐसे में सादगी को महत्व दिया जाना चाहिए. लेकिन दुर्भाग्य से इन दिनों शादी विवाह में दिखावा और फिजूलखर्ची बढ़ गयी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें