प्रेमी जोड़े की हुई शादी

प्रेमिका शादी पर अडिग थी लेकिन प्रेमी के परिजन शादी के लिए तैयार नहीं थे. मामला थाना पहुंचा. पुलिस हस्तक्षेप के बाद शादी हुई. त्रिवेणीगंज : थाना परिसर में सोमवार को एक प्रेमी युगल का मामला सामने आया. थाना परिसर में प्रेमी-प्रेमिका के इस मामले में दोनों पक्ष के लोगों की एक भीड़ जमा हो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 15, 2017 8:56 AM
प्रेमिका शादी पर अडिग थी लेकिन प्रेमी के परिजन शादी के लिए तैयार नहीं थे. मामला थाना पहुंचा. पुलिस हस्तक्षेप के बाद शादी हुई.
त्रिवेणीगंज : थाना परिसर में सोमवार को एक प्रेमी युगल का मामला सामने आया. थाना परिसर में प्रेमी-प्रेमिका के इस मामले में दोनों पक्ष के लोगों की एक भीड़ जमा हो गयी. इस मामले में जहां प्रेमिका अपने प्रेमी से शादी करने पर अडिग रही. वहीं प्रेमी व उसके पिता शादी से इंकार करते रहे. समाज के लोगों द्वारा कई घंटों तक लड़के के पिता को समझाने-बुझाने का प्रयास किया जाता रहा, लेकिन प्रेमी व उसके पिता उक्त लड़की से शादी को राजी नहीं हुए.
आखिरकार थानाध्यक्ष राजीव कुमार के द्वारा लड़की के लिखित बयान के आधार पर मामला दर्ज करने के रूख एवं समाज के लोगों के पहल पर लड़के के पिता ने लड़के की शादी उक्त लड़की से कराने पर राजी हुआ. सामाजिक पहल पर सोमवार की रात्रि स्थानीय ठाकुरबाड़ी के प्रांगण में दोनों पक्षों के लोग व ग्रामीण की मौजूदगी में पंडित द्वारा दोनों प्रेमी युगल का शादी संपन्न कराया गया. इस अवसर पर विधायक प्रतिनिधि संजय रंजन, जदयू प्रखंड अध्यक्ष मो कमाल खां, अनिल चौधरी, बरहकुरवा पंचायत के पूर्व संरपंच राजेंद्र यादव, हरी यादव, मो रियाज, एनामुल हक, चंदन कुमार गुप्ता, मनोज भगत, संजय कुमार सहित वर व वधु पक्ष के परिजन व ग्रामीण उपस्थित थे. सोमवार को बाजार क्षेत्र के पतरघट्टी वार्ड नंबर 12 में उस समय यह मामला प्रकाश में आया जब लड़की के घर पर पहुंचे प्रेमी व प्रेमिका के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी होने लगी. इस बात पर अगल-बगल के ग्रामीण भी इकट्ठा हो गये. इसी बीच स्थानीय थाने को इस बात की सूचना दी गयी. पुलिस दोनों प्रेमी युगल को थाने ले आयी. जहां प्रेमिका पायल ने प्रेमी राहुल से करीब दो वर्षों से प्यार करने व उससे शादी करने पर अडिग रही.
प्रेमी राहुल शादी की बात से इनकार करता रहा. वहीं राहुल के पिता भी अपने लड़के से उक्त लड़की की शादी करने को राजी नहीं थे. समाज के लोगों के द्वारा लड़के के पिता को समझाने-बुझाने की कोशिश जारी रही. लेकिन लड़के के पिता अपने लड़के की शादी उक्त लड़की से करने से इंकार करते रहे. थानाध्यक्ष के द्वारा लड़की के लिखित बयान के आधार पर मामला दर्ज करने के रूख एवं सामाजिक पहल पर लड़के के पिता अपने लड़के की शादी उक्त लड़की से करने पर राजी हो गये.

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