राघोपुर थाना क्षेत्र के डुमरी पंचायत अंतर्गत सतकोदरिया गांव से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. जहां आर्थिक तंगी की वजह से एक व्यक्ति ने अपनी इहलीला समाप्त कर ली. हालांकि उक्त व्यक्ति ने अपने जीवन में काफी संघर्ष किया. लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया और अंततः कर्ज के बोझ तले दबकर उसने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली. जानकारी अनुसार उक्त व्यक्ति के ऊपर बहुत सारे निजी कंपनियों का समूह वाल लोन होने के साथ साथ स्थानीय लोगों का भी रुपया उधार था. इधर किस्मत ऐसी कि, दो साल तक पत्नी की बीमारी ने उसे कर्ज पर कर्ज लेने के मजबूर कर दिया, जब लौटाने की बारी आई तो यहां भी कुदरत ने उसके साथ छल कर दिया और वह भी बीमार पड़ गये. बाद में डॉक्टरी जांच में पता चला कि उसके किडनी में पत्थर हो गया है. जब किडनी के पत्थर का इलाज करवाया तो दायें भाग में पेरलाइसिस मार दिया. ईलाज करवाने के बाद बहुत हद तक वह स्वस्थ्य तो हो गया. लेकिन शरीर कमजोर हो जाने की वजह से भारी काम करने में वह सक्षम नहीं हो पाता था. जिसके बाद अपने व अपने परिवार की आजीविका के लिए उसने आइसक्रीम बेचना शुरू कर दिया. लेकिन जैसे ही वह इस बीमारी के जंजाल से उबरकर बाहर आ पाता, कर्जदारों के कर्ज ने उसे इतना दबा दिया कि वह आत्महत्या करने पर मजबूर हो गया. मृतक की पहचान जगदीश मुखिया के 26 वर्षीय पुत्र लक्ष्मी मुखिया के रूप में हुई. मृतक के पिता जगदीश मुखिया ने बताया कि बुधवार की सुबह जब काफी देर तक लक्ष्मी मुखिया के कमरे का दरवाजा नहीं खुला तो लोगों को किसी अनहोनी की आशंका हुई. जिसके बाद लोगों ने घर का दरवाजा तोड़कर देखा तो पाया कि उसने अपने ही घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया है. वह अपने पीछे पत्नी व तीन बच्चों को छोड़ गया है. पत्नी फुलेश्वरी देवी, 6 वर्षीय पुत्र शिवनन कुमार, 5 वर्षीया पुत्री निशा कुमारी और 3 वर्षीय पुत्र राजकुमार सहित अन्य परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है. इस घटना ने जहां पूरे गांव को सदमा में डाल दिया है, वहीं कर्ज के इस भयावह चेहरे ने लोगों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिरकार लोग किस तरह छोटी मोटी जरूरतों को भी पूरा करने के लिए कर्ज का सहारा लेते हैं. मामले को लेकर थानाध्यक्ष नवीन कुमार ने बताया कि उन्हें घटना के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं दिया गया है. परिजनों द्वारा आवेदन दिए जाने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी.
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