आचार्य बहनों को मिला दस दिवसीय प्रशिक्षण
कार्यक्रम का शुभारंभ 23 दिसंबर को डॉ बीके यादव द्वारा किया गया था
एकल अभियान द्वारा आयोजित 10 दिवसीय अभ्यास वर्ग का हुआ समापन स्लम बस्तियों के बच्चों को प्रेरित कर सरकारी विद्यालयों में नामांकन कराती हैं आचार्य बहनें सुपौल. सदर प्रखंड स्थित लाउढ़ पंचायत सरकार भवन में एकल अभियान द्वारा आयोजित 10 दिवसीय अभ्यास वर्ग का समापन 01 जनवरी को हुआ. कार्यक्रम का शुभारंभ 23 दिसंबर को डॉ बीके यादव द्वारा किया गया था. इस अवसर पर जिला अंचल अध्यक्ष डॉ राजा सिंह ने बताया कि एकल अभियान के तहत देशभर में 01 लाख 25 हजार विद्यालय संचालित हो रहे हैं, जिनमें सुपौल जिले में 270 विद्यालय शामिल हैं. यह विद्यालय स्लम बस्तियों और ग्रामीण इलाकों में वंचित बच्चों को शिक्षित करने का कार्य कर रहे हैं. कार्यक्रम में बताया गया कि पंचमुखी शिक्षा के तहत संस्कार, पर्यावरण, अक्षर ज्ञान और व्यावहारिक शिक्षा के माध्यम से बच्चों को शिक्षित किया जाता है. आचार्य बहनों द्वारा स्लम बस्तियों के बच्चों को प्रेरित कर सरकारी विद्यालयों में नामांकित कराती हैं और तीन वर्षों तक उनकी सतत देखभाल करती हैं. प्रभाग प्रशिक्षक रामप्रसाद गुप्ता ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि यदि बच्चे विद्यालय तक नहीं पहुंच पा रहे हैं तो विद्यालय को बच्चों तक पहुंचना चाहिए. इसी सोच के साथ एकल अभियान के कार्यकर्ता अपनी सेवा दे रहे हैं. बताया कि किशनपुर, त्रिवेणीगंज, निर्मली, फुलपरास, बसंतपुर, प्रतापगंज, सरायगढ़ एवं राघोपुर प्रखंडों की 90 आचार्य बहनों को इस वर्ग में प्रशिक्षण दिया गया. यह बहनें समाज के निचले स्तर तक शिक्षा पहुंचाने का कार्य कर रही हैं. समापन समारोह में डॉ सुधीर कुमार, राजेश चौधरी, अभियान प्रमुख रंजीत कुमार, अंचल कार्यालय प्रमुख ललन कुमार, प्रशिक्षण प्रमुख नीलू कुमारी, संच प्रशिक्षक पुनम, लाखो, चंद्रकला, सुमन, गौतम सहित अन्य लोग उपस्थित थे.
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