वेतनभोगी पशुरक्षियों ने बकाये भुगतान को लेकर किया प्रदर्शन

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मुख्यालय स्थित कार्यालय में शनिवार को 60 से 70 की संख्या में बसंतपुर और छातापुर के वेतनभोगी पशुरक्षियों ने अपने बकाये भुगतान को लेकर प्रदर्शन किया

By Prabhat Khabar News Desk | June 15, 2024 6:14 PM

वीरपुर. पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मुख्यालय स्थित कार्यालय में शनिवार को 60 से 70 की संख्या में बसंतपुर और छातापुर के वेतनभोगी पशुरक्षियों ने अपने बकाये भुगतान को लेकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान पशुरक्षी ने बताया कि वे लोग अपने-अपने क्षेत्र में नियमित रूप से कार्य करते आ रहे हैं. लेकिन उनलोगों को नवंबर 2021 से अब तक का भुगतान विभाग द्वारा नहीं किया गया है. जिससे परिवार के समक्ष खाने के लाले पड़े हुए हैं. जब वन विभाग के पदाधिकारी से तनख्वाह के बारे में कहते हैं तो आज कल कह कर टाल मटोल किया जा रहा हैं. बताया कि हमलोगों ने नियमित रूप से विभाग के निर्देशानुसार कार्य करते आए हैं. बावजूद भुगतान नहीं किया गया है. वनरक्षी धीरेन्द्र यादव और दुखी पासवान ने बताया कि बगैर किसी गलती और किसी सूचना के उनलोगों को गार्ड वंदना के द्वारा कार्य से बाहर कर दिया गया है. बताया कि पहले उनलोगों को 10 हजार रुपये महीना दिया जाता था. वनरक्षियों में शामिल संतोष कुमार ने बताया कि बढ़ती महंगाई के युग में काफी कम वेतन मिलता था. जिसको लेकर उनलोगों ने हाईकोर्ट पटना में केस दर्ज किया. जिस पर माननीय उच्च न्यायालय पटना के द्वारा इस वाद में पारित आदेश का अनुपालन कर पशुरक्षकों को 18 हजार रुपये न्यूनतम भुगतान करने का आदेश दिया गया. बावजूद अब तक भुगतान नहीं किया गया है. इस संबंध में वीरपुर वन प्रक्षेत्र की फॉरेस्टर श्वेता भारती ने बताया कि उन्हें किसी बात की जानकारी नहीं है. मीडिया को संबोधित करने के लिए जिला वन पदाधिकारी है. इस संबंध में वह कुछ नहीं बता सकती. प्रदर्शन करने वालों में अरविंद कुमार मंडल, अयोधी यादव, मोनिका देवी, उमेश राय, राजेंद्र पासवान, शिशुपाल सिंह, रंजन कुमार, रामचंद्र सादा, योगेंद्र राम, मो दाऊद, देवीलाल शर्मा, संतोष कुमार, भूलर शर्मा, मो इशाक, जलेश्वर शर्मा, शत्रुघ्न यादव, रामदेव राय, मो जियाउल, शशि पासवान, विनोद कामत, अरविंद मंडल, देवेंद्र पासवान, सुरेश यादव, प्रमोद यादव के साथ-साथ दर्जनों की संख्या में वनरक्षी मौजूद थे.

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