मदरसा जमीयत उल कासिम में वार्षिक इख़्ततामि इजलास का हुआ आयोजन
दुबई के इमाम द्वारा दुआ के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया
बलुआ बाजार. मधुबनी पंचायत स्थित मदरसा जमीयतुल कासिम दारुल उलूम इल इस्लामिया में गुरुवार को एक दिवसीय वार्षिक इख़्ततामि इजलास का आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता दुबई के इमाम व खतीब मुफ़्ती समीन असरफ कासमी एवं संचालन एचएम मुफ़्ती अंसार कासमी ने की. कार्यक्रम में मदरसा में पढ़ाई कर रहे 25 छात्रों को पूरी कुरआन हिफ़्ज़ करने और वार्षिक परीक्षाओं में उत्कृष्ट परिणाम प्राप्त करने वाले छात्रों को पुरस्कृत किया गया. जिसके बाद आलिमों द्वारा हाफिज ए कुरआन को अपने जिम्मेदारी का ज्ञान दिया गया. मदरसा के मोहतमिम (व्यवस्थापक) कारी जफर इकबाल मदनी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वे अपने दिवंगत पिता मदरसा के संस्थापक डॉ मुफ़्ती महफजूर रहमान उस्मानी के नक्शेकदम पर चल रहे हैं और उनके सभी सपनों को साकार करने की कोशिश कर रहे हैं. वक्ताओं ने कहा कि मदरसा के छात्र हर क्षेत्र में सफलता का झंडा लहरा रहे हैं और अपनी योग्यता से मदरसा के विरोधियों को व्यावहारिक जवाब दे रहे हैं. कहा कि डॉ उस्मानी ने इस पिछड़े इलाके में ज्ञान और कर्म का एक खूबसूरत ताज महल बनवाया है जो अद्वितीय और भव्य है. उन्हें इस बात की चिंता थी कि मदरसा के छात्र हर क्षेत्र में अपनी पकड़ बनाएं और इसका असर यहां के छात्रों पर पड़ता है. वक्ताओं ने मदरसे की शैक्षणिक गुणवत्ता का उल्लेख करते हुए कहा कि यहां के बच्चे उर्दू, अरबी, अंग्रेजी और साहित्य के साथ-साथ बुनियादी शिक्षा भी ले रहे है. बच्चों से कहा कि आपको अपना हौसला बुलंद रखना है. आपको मेहनत और लगन से पढ़ाई जारी रखनी है सफलता आपके कदम चूमेगी. कहा कि यह मदरसा लगातार विकास के पथ पर है, शिक्षकों की मेहनत बढ़ती जा रही है और यहां के छात्र अपना कमाल दिखा रहे हैं. वहीं कार्यक्रम में अतिथियों को जामिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन की ओर से निशान उस्मानी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. दुबई के इमाम द्वारा दुआ के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया. मौके पर मौलाना अनिसउर रहमान कासमी, मौलाना जमील अहमद मजाहरी, मौलाना मुफ़्ती कौशर सुभानी, मौलाना मुफ़्ती नाफ़े आरफी, मौलाना मोदस्सिर अहमद कासमी, मौलाना मुफ़्ती काजी समीम अकरम रहमानी, मौलाना जियउल्लाह जिया रहमानी, मौलाना शाहनवाज बदर कासमी, डॉ शहाबुद्दीन साकिब, मौलाना मुफ़्ती समीद अजहर कासमी, मौलाना अमानुल्लाह कासमी, मौलाना रिजवान कासमी ने अपना अपना विचार रखा. मौके पर शाहजहां शाद, डॉ मुमताज आलम, डॉ तजमुल हुसैन, हाफिज नशिम इकबाल, खलीकुल्लाह अंसारी, आफताब आलम, कलाम खान, मो जमाल, जियाउद्दीन, रियाज नदवी आदि मौजूद थे.
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