संविधान के अष्टम सूची में मैथिली को शामिल कर अटल जी ने मिथिला वासियों का बढ़ाया मान : मंत्री
पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म शताब्दी के अवसर पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने स्थानीय एक होटल परिसर में उनके जीवनी पर एक प्रदर्शनी लगायी.
वीरपुर. पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म शताब्दी के अवसर पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने स्थानीय एक होटल परिसर में उनके जीवनी पर एक प्रदर्शनी लगायी. आगंतुक सभी लोगों ने अटल जी के प्रदर्शनी को देखा और लोगों को इस प्रदर्शनी से सीख लेने की बात कही. कार्यक्रम की शुरुआत में आये हुए अतिथियों ने अटल जी के तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया. जयंती समारोह में मुख्य रूप से मौजूद पीएचईडी मंत्री नीरज कुमार सिंह बबलू ने कहा कि 08 दशक से दो भागों में विभक्त मिथिलांचल को एकीकृत कर कर मिथिलांचल वासियों को सबसे बड़ा तोहफा दिया. वहीं मैथिली को संविधान के अष्टम सूची में शामिल कर मिथिलावासियों का मान बढाया. कहा कि अटलजी के कार्य को गिनाना संभव नहीं है. कुशल संगठन नेतृत्वकर्ता, कुशल राजनीतिज्ञ के अलावे वह महान कवि थे. मंत्री प्रतिनिधि राघवेंद्र झा ने कहा कि राष्ट्रीयता की भावना से ओत प्रोत रहने वाले भारतीय राजनीति के बड़े पुरोधा अटल जी थे. चाहे कविता के क्षेत्र हो या राजनीतिक क्षेत्र उनका विराट रूप देखने को मिलता था. परमाणु परीक्षण, पोखरण परीक्षण इतनी सादगी से की जिससे दुनिया के देशों को पता भी नहीं चल सका. यूनाइटेड नेशन के जेनरल एसेंबली में उन्होंने हिंदी में डेढ़ घंटे के भाषण देकर पूरी दुनिया को चौंका दिया. कार्यक्रम को नप चेयरमैन सुशील कुमार, बालेश्वर सिंह, पशुपति प्रसाद गुप्ता, रणजीत मिश्रा, अभय कुमार जैन, राजीव रंजन आदि संबोधित किया. इस मौके शालीग्राम पाण्डेय, अभय कुमार जैन सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग व भाजपा कार्यकर्ता मौजूद थे. कार्यक्रम के अंत में दिवंगत समाजसेवी दिलीप गुप्ता को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी.
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