शांति, भाईचारा व समानता का संदेश देता है बकरीद
शांति, भाईचारा व समानता का संदेश देता है बकरीद
फोटो -05 कैप्सन – नमाज अदा करते राघोपुर प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न ईदगाहों में सोमवार को ईद उल अजहा का नमाज अता किया गया. इस दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच पर्व को लेकर काफी उत्साह दिखा. ईद उल अजहा के बारे में जानकारी देते जामीअतुल -कासिम दारुल उलूम अल-इस्लामिया के उपाध्यक्ष मुफ्ती मो अंसार कासमी ने बताया कि इस्लाम धर्म को मानने वालों के लिए दो प्रमुख त्योहार है. एक ईद-उल-फितर, जो रोजा पूरा होने पर मनाया जाता है और दूसरा ईद-उल-अज़हा, जो आखिरी महीने के दसवें दिन मनाया जाता है. जिसका संदेश शांति, भाईचारा, समानता है. दूसरा कुर्बानी एक जानवर की कुर्बानी है. उन्होंने कहा कि इस मौके पर हमें हजरत इब्राहिम की जिंदगी के बारे में जानना चाहिए. उन्हें अपने जीवन में बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. कहा कि आपको यह जान लेना चाहिए कि आपकी कुर्बानी का मांस अल्लाह तक नहीं पहुंचता, बल्कि आपकी नियत और तकवा पहुंचता है. अपने हृदय का भय देखो, केवल पशुओं की ही बलि न चढ़ाओ, परंतु अपने अंदर की बुरे संस्कारों की भी बलि चढ़ाओ और अपने हृदय को गन्दी बीमारियों और बुरे संस्कारों से शुद्ध रखो. सामाजिक कार्यकर्ता आफताब आलम ने कहा कि ईद प्यार का संदेश देता है. यह त्योहार भाईचारे का भी संदेश देता है कि हमें अपनी खुशियों में दूसरों को भी शामिल करना चाहिए. मौके पर मो आफताब, नूर आलम, मो शाहनवाज, फुरकान, मो तौसीफ, अब्दुल मन्नान, राजू, जियाउल चंद साहब, आलम राजा, महताब, अबुबकर सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे.
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