सुपौल: कोसी पीड़ित सुपौल जिले में सरकारी तौर पर 15 जून से बाढ़ काल प्रारंभ हो गया है, जो 15 अक्तूबर तक जारी रहेगा. बाढ़ पूर्व तैयारी को लेकर जिला प्रशासन द्वारा कई दावे किये जा रहे हैं. हालांकि बाढ़ काल प्रारंभ होने के मौके पर इसकी विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं करायी गयी है. माॅनसून प्रारंभ होने से पूर्व ही कोसी के जलस्तर में बढ़ोतरी शुरू हो चुकी है.
करीब एक सप्ताह पूर्व जहां कोसी का डिस्चार्ज 50 हजार क्यूसेक से कम दर्ज किया जा रहा था, वहीं सोमवार की सुबह 08 बजे वीरपुर बराज पर कोसी का डिस्चार्ज 84 हजार 605 क्यूसेक दर्ज किया गया. अपराह्न 04 बजे तक बढ़ कर 97 हजार 390 क्यूसेक हो गया.जल संसाधन विभाग द्वारा दी गयी जानकारी मुताबिक नेपाल के बराह क्षेत्र से 59 हजार 375 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है.
मालूम हो कि सुपौल जिला सदियों से कोसी की विभिषिका से प्रभावित है. जिले के 06 प्रखंड व 35 पंचायत बाढ़ से प्रभावित हैं. तटबंध के भीतर 130 गांवों में रहने वाले 03 लाख से अधिक लोगों को हर वर्ष बाढ़ की विभीषिका झेलनी पड़ती है. सरकार व प्रशासन द्वारा पीड़ितों को राहत आदि का वितरण भी किया जाता है. लेकिन अब तक कोसी से आने वाली बाढ़ की समस्या का स्थायी निदान नहीं किया जा सका है. नतीजा है कि पूर्वी व पश्चिमी तटबंध के बीच बसे लोगों को हर साल मानसून के दौरान कोसी की बाढ़ लीला झेलनी पड़ती है.