PHOTOS: सुपौल में लोग अपने घरों को तोड़कर रिश्तेदार के पास जा रहे, बाढ़ का पानी घटा तो कटाव बनी मुसीबत

बिहार के सुपौल में बाढ़ का पानी उतरने लगा तो अब कटाव लोगों के लिए नयी मुसीबत बन गयी है. लोग अपने घर को नहीं बचा पा रहे हैं और पलायन कर रहे हैं.

By ThakurShaktilochan Sandilya | July 12, 2024 12:48 PM

Bihar Flood News: बिहार के सुपौल में कोसी नदी का जलस्तर बढ़-घट रहा है. कोसी नदी में बीते दो सप्ताह से पानी के उतार-चढ़ाव से तटबंध के अंदर बसे करीब 60 हजार लोगों के परेशानी बढ़ती जा रही है. एक ओर जहां चार दिन पहले नदी में पानी बढ़ने से लोगों के आवाजाही के साथ-साथ जान माल के सुरक्षा को लेकर परेशानी बढ़ी हुई थी. वहीं दूसरी ओर पानी घटने के बाद तटबंध के अंदर कटनिया से लोगों को घर बचाना मुश्किल हो रहा है. कई जगह सड़क भी टूट गया है.

कटाव का संकट गहराया, पलायन कर रहे ग्रामीण

किशनपुर के मौजहा गांव में पूर्व में लगे कटनिया के कारण वार्ड नंबर 04 के करीब 50 परिवार कटनिया के डर से अपने घर को दूसरे जगह ऊंचे स्थान पर ले गये. अभी कटनिया वार्ड नंबर 01, 02 और 03 में लगी हुई है. जिस कारण कटनिया के डर से इन वार्डों के लोग भी अब पलायन करने लगे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि पिछले 10 दिनों से वार्ड नंबर 04 में कटनिया लगा हुआ था. जिसमें उस वार्ड के 40 से 50 घर लोगों ने कटनिया के डर से अन्य जगहों पर ले गये. वहीं इस वार्ड में 10 घर बचा हुआ है, वह भी अब काटने के कगार पर है. लोगों के खेतों में लगा धान बिचड़ा कोसी में समा गया.

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लोग ऊंचे स्थान पर जाकर शरण ले रहे

बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि पूर्व में बसे सभी लोग एक-दूसरे से मिलजुलकर एक परिवार के तरह रहते थे. लेकिन कोसी मैया ने एक झटके में इन सभी मिले-जुले परिवारों को इस तरह से विस्थापित कर दिया कि एक सप्ताह बाद लोगों का पता नहीं है. लोगों ने बताया कि घर हटाने के बाद लोग अपने-अपने घर को तो ऊंचे स्थान पर ले जाकर रख लिया है. लेकिन उस घर में रहना मुश्किल है. सभी लोग अपने-अपने रिश्तेदार के यहां अपने बाल-बच्चा व माल मवेशी को लेकर रह रहे हैं.

अपने-अपने घरों को तोड़कर लोग रिश्तेदार के पास जा रहे

गौरतलब है कि कोसी नदी के कहर से प्रतिवर्ष सैकडों परिवार के लोगों को विस्थापित होना पड़ता है. विस्थापित होने के कारण पूर्व में एक वार्ड में रह रहे लोग प्रतिवर्ष बंट जाते हैं. जिससे बसा-बसाया गांव वीरान हो जाता है. सीओ सुशीला कुमारी ने बताया कि वार्ड नंबर 04 के करीब 40-50 परिवार अपने-अपने घरों को तोड़कर अपने रिश्तेदार या अन्य जगहों पर रह रहे हैं. पीड़ितों को तत्काल प्लास्टिक दिया जा चुका है. वहीं वार्ड नंबर 01, 02 और 03 में भी कटानिया लग हुआ है. अब इन वार्डों के लोगों की भी सूची तैयार कर प्लास्टिक उपलब्ध करायी जाएगी.

कोसी बराज के 24 फाटक अब भी खोलने पड़े

बता दें कि पिछले दिनों कोसी का रौद्र रूप देखने को मिला है. कोसी बराज के सभी 56 फाटक खोलने पड़ गए थे. वहीं बीते दो दिनों ने नेपाल में बारिश थमने से कोसी नदी के जलस्तर मे कमी हुई है. कोसी बराज के 56 में से 24 फाटक अब भी खुले हुए हैं.

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