भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की मनायी गयी जयंती
स्वतंत्रता संग्राम में उनका योगदान अत्यधिक महत्वपूर्ण था
सुपौल. नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नंबर 02 विद्यापुरी स्थित स्वर्ण ज्योति एकेडमी में मंगलवार को राजेश कुमार मल्लिक की अध्यक्षता में स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद की जयंती मनायी गयी. इस अवसर पर डॉ राजेंद्र प्रसाद के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया गया. मौके पर बच्चों को बताया गया कि उनके बताये मार्गों पर चलकर और उनके आदर्शों का अनुकरण कर एक विद्वान महापुरुष बन सकते हैं. इस अवसर पर बच्चों के बीच पेंसिल व रबर का भी वितरण किया गया है. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री मल्लिक ने कहा कि भारत के पहले राष्ट्रपति और महान स्वतंत्रता सेनानी डॉ राजेंद्र प्रसाद भारतीय राजनीति, समाज और संस्कृति में अमिट योगदान दिया. डॉ राजेंद्र प्रसाद को भारतरत्न से नवाजा गया था और उनका जीवन भारतीय लोकतंत्र के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रतीक बना. स्वतंत्रता संग्राम में उनका योगदान अत्यधिक महत्वपूर्ण था. उन्होंने महात्मा गांधी के साथ मिलकर विभाजन के समय देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. कहा कि डॉ राजेंद्र प्रसाद का योगदान न केवल राजनैतिक क्षेत्र में था, बल्कि उन्होंने भारतीय समाज की शिक्षा और सांस्कृतिक धरोहर को भी समृद्ध किया. उनके नेतृत्व में भारत ने लोकतंत्र की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए. कार्यक्रम में सुनीता श्रीवास्तव, नीता कुमारी, काजल कुमारी, अनुप्रिया, अभय कुमार श्रीवास्तव, आदित्य कौशिक, सूरज कुमार, मुन्ना सिंह, छात्र सिद्दार्थ, अंशु, माजिद, दीपिका, अंजली, तनू, चांदनी सहित अन्य उपस्थित थे.
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