10 दिवसीय घरेलू अगरबत्ती, डेयरी फार्मिंग व वर्मी कंपोस्ट निर्माण के प्रशिक्षण का समापन

भारतीय स्टेट बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) के द्वारा 10 दिवसीय घरेलू अगरबत्ती निर्माण, डेयरी फार्मिंग एवं वर्मी कंपोस्ट निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन गुरुवार को हो गया

By Prabhat Khabar News Desk | June 20, 2024 11:10 PM

सुपौल. भारतीय स्टेट बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) के द्वारा 10 दिवसीय घरेलू अगरबत्ती निर्माण, डेयरी फार्मिंग एवं वर्मी कंपोस्ट निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन गुरुवार को हो गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आरसेटी के राज्य निदेशक संजय कुमार मौजूद थे. घरेलू अगरबत्ती निर्माण का प्रशिक्षण सुप्रिया द्वारा दिया गया. जिसमें हाथ से अगरबत्ती बनाने की विधि एवं इस व्यवसाय से आत्मनिर्भर बनने का हुनर दिया गया. डेयरी फार्मिंग एवं वर्मी कम्पोस्ट निर्माण का प्रशिक्षण सपना जायसवाल द्वारा दिया गया. जिसमें गाय-भैंस के नस्ल, बछड़े का रख-रखाव, बीमारी, गोबर से खाद बनाने की विधि बतायी गयी. आरसेटी के निदेशक धीरेंद्र कुमार धीरज द्वारा बैंकिंग एवं ऋण से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया. सभी प्रशिक्षुओं को सरकार द्वारा लाये जाने वाले विभिन्न स्कीमों के बारे में बताया गया. साथ ही इंटर पास सभी प्रशिक्षु को मुख्यमंत्री उद्यमी योजना में आवेदन देने के लिये प्रेरित किया. व्यापार से संबंधित पढ़ाई आरसेटी के वरिष्ठ फैकल्टी अनिश रंजन द्वारा करवाया गया. जिसमें उद्यमिता के महत्व, प्रोजेक्ट रिपोर्ट, बाजार सर्वेक्षण, मार्केटिंग इत्यादि को विस्तार से समझाया गया. कार्यक्रम में शामिल होने वाले सभी 66 प्रशिक्षु को भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय से आये विशेषज्ञ की टीम द्वारा परीक्षा लिया गया. जो 03 चरण लिखित, मौखिक एवं प्रैक्टिकल में करवाया गया. सभी प्रशिक्षु के उत्तीर्ण होने पर आरसेटी द्वारा प्रमाण पत्र दिया गया. आरसेटी के राज्य निदेशक संजय कुमार सभी प्रशिक्षु को बताया कि आरसेटी भारत के लगभग हर जिले में स्थापित है. वर्तमान में 603 आरसेटी का संचालन देश के अलग-अलग जिलों में हो रहा है. जिसका मुख्य उद्देश्य सभी को आत्मनिर्भर बनाना है. उन्होंने बताया कि आरसेटी द्वारा निःशुल्क प्रशिक्षण एवं छात्रावास की व्यवस्था रहती है. जिसमें अपने रूची के अनुरूप प्रशिक्षण लेकर अपने उद्यम की शुरुआत कर सकते हैं. उन्होंने स्वरोजगार के महत्व एवं उसमें आरसेटी के योगदान को विस्तार से बताया एवं सभी प्रशिक्षु को उद्यमी बनने के लिये प्रेरित किये. समापन सामोराह में आरसेटी निदेशक श्री धीरज ने कहा कि प्रशिक्षण के सफल होने में प्रशिक्षक का महत्वपूर्ण योगदान होता है. कार्यक्रम की प्रशिक्षिका सुप्रिया एवं सपना जायसवाल ने हर पहलू पर ध्यान देते हुए अपनी परिपक्वता को दर्शाया. इसके अलावे उन्होंने कहा कि अगरबत्ती निर्माण एक ऐसा व्यवसाय है, जिसका उपयोग हर जाति और हर धर्म के सभी लोगों के घर में प्रतिदिन होता है. उन्होंने सुमन अगरबत्ती इंडस्ट्री के बारे में भी बताया. कहा कि आरसेटी से प्रशिक्षण लेकर यह इंडस्ट्री सबके लिये एक उदाहरण बन चुका है. बताया कि अगरबत्ती के बाद अब जल्द ही धूपबत्ती भी बाजार में उपलब्ध करा रही है. अनिश रंजन ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि बाइअफ द्वारा चयनित सभी प्रशिक्षु छातापुर से थे. जिसमें बाइअफ के जिला प्रोजेक्ट कोर्डिनेटर रंजन कुमार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई एवं भविष्य में 18-45 वर्ष के जो भी युवक-युवतियां प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहते है, वो मरिचा स्थित आरसेटी कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं. जहां आने वाला प्रशिक्षण कार्यक्रम बकरी पालन, सिलाई, ब्यूटी पार्लर, अगरबत्ती निर्माण, मोबाइल रिपेयरिंग आदि है. आरसेटी के राज्य निदेशक द्वारा सुपौल में व्यवसाय के लिये एक अलग पहचान बनाने वाले सुमन अगरबत्ती इंडस्ट्री का भी औचक निरीक्षण किया गया. जहां उद्योग के मालिक दीपक दूबे के कार्यों को देखकर काफी संतुष्टि जताई.

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