प्रखंड व जिला स्तर पर जैव विविधता प्रबंधन समितियों का सम्मेलन 25 को
वन प्रमंडल कार्यालय वेश्म में रविवार को जिला वन प्रमंडल पदाधिकारी प्रतीक आनंद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया
सुपौल. वन प्रमंडल कार्यालय वेश्म में रविवार को जिला वन प्रमंडल पदाधिकारी प्रतीक आनंद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि 25 जून को बिहार सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु विभाग के मंत्री प्रेम कुमार की अध्यक्षता में प्रखंड एवं जिला स्तर पर जैव विविधता प्रबंधन समितियों का सम्मेलन वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा आयोजित किया जायेगा. बताया कि कार्यक्रम में मंत्री ग्राम पंचायत, प्रखंड, पंचायत समिति तथा जिला पार्षद में गठित “जैव विविधता प्रबंध समितियों को संबोधित करेंगे. सम्मेलन में जिला पंचायती राज पदाधिकारी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक बिहार तथा वरिष्ठ वन पदाधिकारी एवं बिहार राज्य जैव विविधता पर्षद के अध्यक्ष, सचिव एवं वरीय पदाधिकारी भी भाग लेंगे. श्री आनंद ने बताया कि वन प्रमंडल कार्यालय में 25 जून को 11 बजे दिन से 12:25 बजे दोपहर तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी सम्मेलन में शामिल होंगे. यह कार्यक्रम पांच सत्र में होगा. बिहार सरकार के पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री द्वारा जैव विविधता प्रबंध समितियों का उन्मुखीकरण किया जाएगा. ताकि वे सक्रियता से अपने क्षेत्र में जैव विविधता संरक्षण के क्रिया-कलापों में सहभागी बन सकें. श्री आनंद ने कहा कि जैव विविधता की भूमिका प्रकृति तथा पर्यावरण संरक्षण को विकास प्रक्रियाओं के साथ संतुलित करने में महत्वपूर्ण है. क्षेत्रीय स्तर पर जैव विविधता संरक्षण के हितों को धरातल पर सुनिश्चित करने में स्थानीय पंचायती राज शासन की सक्रिय सहभागिता अनिवार्य है. इसी प्रयोजन से जैव विविधता अधिनियम 2002 के अंतर्गत त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था के तहत अद्यतन राज्य में 8058 ग्राम पंचायत, 534 प्रखंड, 38 जिला तथा 35 नगर निकायों में जैव विविधता प्रबंध समितियों का गठन कराया गया है. प्रत्येक पंचायत में “जन जैव विविधता पंजी का संधारण किया जाता है, जिनमें पेड़-पौधों, जड़ी-बूटी, घांस, कृषि उत्पाद, बागवानी, पशु एवं अन्य जलीय उत्पादन तथा प्राकृतिक वन क्षेत्रों का ब्यौरा रहता है. सम्मेलन में क्षेत्र में पाए जाने वाले जैव संसाधनों के संरक्षण, संवहनीय उपयोग तथा उनके वाणिज्यिक उपयोग को विनियमित करने संबंधी विषयों पर चर्चा की जायेगी. साथ ही पंचायत, प्रखंड, जिला स्तर पर गठित समितियों को सुदृढ़ करने और उनकी जैव विविधता संरक्षण में सहभागिता सुनिश्चित करने के संबंध में चर्चा की जायेगी.
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