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साइफन निर्माण नहीं होने से किसानों के खेतों में लगा फसल हो रहा बर्बाद, आक्रोशित हो रहे किसान

फसल हो रहा बर्बाद, आक्रोशित हो रहे किसान

अपनी व्यथा सुनाते किसान. प्रतिनिधि, छातापुर प्रखंड क्षेत्र के महद्दीपुर के समीप लालपुर वितरणी नहर में 29 आरडी के समीप साइफन निर्माण को सिंचाई विभाग ने ठंढे बस्ते में डाल दिया है. पानी के भारी दबाव वाले उक्त स्थल पर साइफन निर्माण कराने की मांग इलाके के किसान दशकों से कर रहे हैं. लेकिन सिंचाई प्रमंडल वीरपुर के विभागीय अभियंताओं का आश्वासन कोरा कागज साबित हो रहा है. बताया जाता है कि 29 आरडी के समीप इलाके के बाढ़ व बारिश के पानी का जमाव स्थल है. नहर के पूरब दिशा में सुरसर नदी प्रवाहित है और नदी के दोनों तरफ का तटबंध बीते कई दशक से क्षतिग्रस्त है. जिसके कारण सुरसर नदी भी खुले रूप से बह रही है. परिणामस्वरूप मानसून काल में नदी का जलस्तर बढ़ जाने से इलाके में बाढ जैसे हालात बन जाता हैं और हजारों एकड़ खेत में लगी फसल प्रभावित हो जाती है. गहरे स्थान वाले इस 29 आरडी पर बारिश के अलावे सुरसर नदी के पानी का भारी दबाव बन जाता है, जहां नहर को सुरक्षित रखने के लिए साइफन निर्माण ही एकमात्र विकल्प है. दरअसल बीते गुरुवार की रात 29 आरडी के समीप पानी के भारी दबाव के कारण नहर का दोनों किनारा टूट गया. देर रात नहर के टूटान स्थल से निकला पानी माधोपुर, रामपुर, लालगंज पंचायत के हजारों एकड़ खेत में फैल गया और धान की फसल को भारी नुकसान पहुंचा. कहते हैं इलाके के किसान महद्दीपुर के किसान साल दर साल अपने फसलों की बर्बादी देखकर बेहद आक्रोशित नजर आ रहे हैं. किसान जय नारायण यादव, देव नारायण यादव, दुखी यादव, पंकज यादव, श्याम सुंदर यादव, सुशील यादव, नागेश्वर यादव, राजकुमार मंडल, रामावतार यादव, जितेंद्र यादव, रामचंद्र मंडल, दिलीप यादव, रामचंद्र यादव, राहुल कुमार यादव, सदरी मुखिया आदि ने बताया कि बारिश के मौसम और खुले तौर पर बह रही सुरसर नदी का पानी इलाके के लोगों के लिए अभिशाप बना हुआ है. लिहाजा दीपावली तक इलाके हजारों एकड़ खेत में जलभराव की स्थिति बनी रहेगी. बताया कि पानी के दबाव में लालपुर वितरणी नहर साल दर साल टूट रही है, जो कि सिंचाई विभाग के लिए कामधेनु गाय साबित हो रहा है. नहर मरम्मत के नाम पर लाखों की राशि खर्च करने में विभाग दिलचस्पी तो दिखाती है. विभाग को पता है कि उक्त स्थान पर सायफन निर्माण ही स्थाई समाधान है. नहर मरम्मत कार्य का किसान जब विरोध करते हैं तो अभियंता अगले वर्ष सायफन निर्माण कराने का भरोसा दिलाते हैं. फिर मरम्मत कार्य पूरा हो जाने के बाद अभियंताओं का दर्शन दुर्लभ हो जाता है. किसानों ने अपनी बर्बादी के लिए सिंचाई विभाग को जिम्मेवार ठहराया है और जिला प्रशासन से बेपरवाह ऐसे अभियंताओं पर कार्रवाई की मांग की है. साथ ही 29 आरडी पर सायफन का निर्माण कराने तथा फसल क्षति का मुआवजा दिलाने का अनुरोध किया है. कहते हैं कार्यपालक अभियंता सुरसर नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण नहर टूटी है. पानी का दबाव घटते ही नहर मरम्मत का कार्य शुरू करवा दिया जायेगा. बताया कि उक्त स्थल पर नये डिजाइन का साइफन निर्माण कराया जायेगा. चूंकि पूर्व में बना साइफन का डिजाइन सक्सेस नहीं हुआ, अब नये सिरे से साइफन निर्माण के लिए विभाग को प्राक्कलन के साथ प्रस्ताव भेजा जा रहा है. संभवतः इसी वर्ष प्रस्ताव को स्वीकृति मिल जाएगी. राजेश कुमार, सिंचाई प्रमंडल वीरपुर के कार्यपालक अभियंता

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