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नेपाल में बारिश से बिहार की नदियां उफान पर, कटाव में बह रहे घर, मंडरा रहा बाढ़ का खतरा

Bihar Flood: नेपाल के 24 जिलों में हो रही बारिश का असर बिहार की नदियों पर दिख रहा है. कई नदियां उफान पर हैं. जिससे बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. मंगलवार को कोसी नदी का जलस्तर 2.25 लाख क्यूसेक को पार कर गया और बैराज के 36 गेट खोल दिए गए.

By Anand Shekhar | July 2, 2024 8:46 PM
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Bihar Flood: कोसी-सीमांचल में नदियों में पानी बढ़ने लगा है. लगातार हो रही बारिश से निचले इलाके में पानी फैलने लगा है. सुपौल के वीरपुर में कोसी नदी उफान पर है. नेपाल में तीन दिनों का बारिश का अलर्ट किया गया है. नेपाल के 24 जिलों में मूसलधार बारिश हो रही है. इसका सीधा असर कोसी नदी के जलस्तर पर पड़ा है. कोसी नदी के जलस्तर में पिछले 24 घंटे में लगभग 50 हजार क्यूसेक की बढ़ोतरी हुई है. मंगलवार की शाम 06 बजे कोसी नदी का जलस्तर 2,31,800 क्यूसेक बढ़ते क्रम में दर्ज किया गया है. जिस कारण कोसी बराज के 36 फाटकों को खोल दिया गया है.

सुबह से होने लगी थी जलस्तर में बढ़ोतरी

जल अधिग्रहण बराह क्षेत्र के जलस्तर में सुबह छह बजे से ही बढ़ोतरी होनी शुरू हो गई थी, दोपहर के एक बजे तक जारी रही. दिन के एक बजे जल अधिग्रहण बारहक्षेत्र का जलस्तर 01 लाख 49 हजा 75 क्यूसेक बढ़ते क्रम में दर्ज किया गया. हालांकि इसके बाद बराह क्षेत्र के जलस्तर में कमी होनी शुरू हो गयी, लेकिन अधिक बारिश होने से नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी होना तय मना जा रहा है. अमूमन बराह क्षेत्र से कोसी बराज तक पानी को पहुंचाने में छह घंटे का समय लगता है. इस प्रकार शाम सात बजे तक नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी होगी और सात बजे के बाद नदी के जलस्तर में कमी होगी. कोसी बराज से भारी मात्र में निकालने वाली पानी का असर भारतीय प्रभाग में बुधवार को दिखेगा.

20 जून से पानी घटने-बढ़ने का सिलसिला जारी

चीफ इंजीनियर वरुण कुमार ने बताया कि नेपाल में बारिश का अलर्ट तो है लेकिन भारी बारिश का अलर्ट नहीं है. इसलिए इसका खास असर जलस्तर और तटबंध पर नहीं दिखेगा. बढ़ते जलस्तर को लेकर पूछे जाने पर बाढ़ नियंत्रण एवं जल निःसंरण के चीफ इंजीनियर वरुण कुमार ने बताया कि 20 जून से जो पानी के घटने- बढ़ने का सिलसिला है वह थम नहीं रहा है. हालांकि इसके लिए लगातार विभागीय स्तर पर दिन और रात तटबंध पर पेट्रोलिंग की जा रही है. रात को वीडियो कॉल के माध्यम से संवेदनशील और अतिसंवेदनशील स्पर पर कर्मी है अथवा नहीं इसकी जानकारी भी ली जा रही है.

पानी के प्रवाह से स्पर पर क्या और कितना प्रभाव पर रहा है यह प्रत्येक घंटे देखा जा रहा है. जल अधिग्रहण बराह क्षेत्र के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से सभी डिविजन के अभियंता और कर्मी सतत निगरानी पर है. तटबंध या स्पर की सुरक्षा के लिए सभी जगहों पर सामग्रियों का भंडारण किया जा चुका है. जलस्तर के बढ़ने से किसी प्रकार का खतरा नहीं है.

इन स्टर्ड पर जलस्तर का दबाव

मुख्यालय स्थित चीफ इंजीनियर के बाढ़ नियंत्रण कक्ष से मिले खैरियत प्रतिवेदन के अनुसार कोसी बराज पर स्टर्ड नंबर 22, 23, 24, 25, 26, 27, 28 और 29 पर बढ़ते जलस्तर का दबाव बना हुआ है. वहीं सहरसा क्षेत्र अंतर्गत 117.15 किमी स्पर के डी पॉर्सन पर नदी की तेज धारा का दवाब बना हुआ है. इसके अलावे नेपाल स्थित पूर्वी बाहोंत्थान बांध के 26.40 किमी स्पर के नोज एप्रोन पर नदी की तेज जलधारा का दबाब बना हुआ है.

जहां फ्लड फाइटिंग फ़ोर्स के चेयरमैन के परामर्श और मुख्य अभियंता की सहमति के बाद बाढ़ संघर्षनात्मक कार्य कराये जा रहे है. स्थल को सुरक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है. इसके अलावे कोसी नदी के दोनों हीं तटबंध के स्पर और स्टर्ड अपने सभी अवयवों के साथ सुरक्षित बताये जा रहें है. तटबंधों पर सतत निगरानी और चौकसी का कार्य जारी है.

निचले इलाकों में फैला पानी, भीषण कटाव में कई घर विलीन

पूर्णिया के अमौर में लगातार दो दिनों से हो रही बारिश से क्षेत्र में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. लगातार बारिश होने से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. लोग घरों में दुबके हुए है. वहीं जिले के सूदूर और तटवर्ती गांव सिमलबाड़ी के कलाम, मुंतसीर आलम, शहाबुद्दीन एवं इरशाद बताते हैं कि नेपाल में बारिश से कनकई, महानंदा, परमान एवं दास नदी उफान पर है. नदियों का पानी तराई में फैलने लगा है. तराई में फैलने के साथ बाढ का खतरा मंडराना शुरू हो चुका है.

तटवर्ती गांवों के लोग बताते हैं कि नदियों के इस उतार-चढ़ाव से कटाव भी झेलना पड़ता है. इस कटाव में सैकड़ों एकड़ खेत नदियों में विलीन हो जाते हैं. आजतक इस कटाव का स्थायी निदान नहीं निकल पाया है. कनकई के किनारे बसे रंगामाटी टोला तालबाड़ी, सीमलबाडी नगरा टोल के ग्रामीण बताते हैं कि बरसात शुरू होते ही 24 घंटे नदी की पहरेदारी करनी पड़ती है. कई बार रात में ही भीषण कटाव की नौबत आयी है, जिसे लेकर सावधानी बरतने के दौरान गांव के युवकों द्वारा कई दल बनाकर बारी -बारी से रतजगा किया जाता है.

नेपाल में बारिश से बिहार की नदियां उफान पर, कटाव में बह रहे घर, मंडरा रहा बाढ़ का खतरा 2

इन गांवों में कटाव का खतरा

ग्रामीण बताते हैं कि इस बार जून से ही खतरा बना हुआ है. महेशबथना निवासी मीर महजूब ने बताया कि कनकई नदी में बाढ़ का पानी भरने के साथ महेशबथना में कटाव शुरू हो गया है. कई घर नदी में विलीन हो चुके हैं. कई घरों पर कटाव का खतरा मंडरा रहा है. परमान नदी केे कहर से रसेली, कदगमा, बनगमा, अधांग, गड़ेरिया, रमनी वार्ड नं 1, बिजलिया, कोचका, ढरिया, बेलगच्छी, कनकई नदी से तालबाडी टोला, रंगा माटी, सीमलवारी मोदी टोला, नगरा टोला, ज्ञानडोव, सुरजापुर ,बागवाना, बालू टोला रंगरैया, हरिपुर,छोटा लाल टोली, भागताहिर, मीर टोला महेश बथना समेत दर्जनों गांव में कटाव का खतरा बन गया है.

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पनार नदी में तेजी से हो रही कटाव के चलते भयभीत हैं मदरसा के बच्चे

अररिया प्रखंड के बेलवा पंचायत स्थित वार्ड संख्या 09 जकीर चौक के निकट पनार नदी में तेजी से कटान हो रहा है. जिसको लेकर यहां पर सड़क के ठीक बगल में स्थित दारूल उलूम रशिदिया जकिर चौक बेलवा के नजदीक तेजी से हो रहे कटान से मदरसा के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है. जिसको लेकर मदरसा के बच्चे व उस्ताद के अलावा ग्रामीणों ने आक्रोश प्रदर्शन करते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की. अगर समय रहते इसपर ध्यान नहीं दिया गया तो सड़क टूटने के बाद नदी की धारा मदरसा को पूरी तरह अपनी चपेट में ले लेगा. मदरसा में पढ़ने वाले बच्चे काफी भयभीत हैं.

मदरसा के हेड मौलाना नबी हसन ,मो सरफराज ,मो मुख्तार,एजाज व मोहम्मद ने कहा कि ये इलाका चारों तरफ नदी से घिरा है. एक तरफ अजगरा धार पर दस वर्ष पूर्व बना अधूरा पूल रहने के कारण पूरी तरह बंद है ,दूसरी तरफ बैरगाछी चौक तक जाने वाली सड़क पर बना दो पूल भी पिछले वर्ष बह जाने के कारण बंद है ,अब सिर्फ सूर्यापुर से मात्र एक रास्ता बच गया है. अगर नदी के कटाव से जकिर चौक के निकट कटान हो गया तो यहां के पूरी तरह पानी से घिर जायेंगे.

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कई स्थानों पर चेतावनी स्तर से ऊपर पहुंची महानंदा

कटिहार जिले में मॉनसून प्रवेश कर गया है. पिछले 24 घंटे से रुक-रुक कर हो रही बारिश के बीच जिले के महानंदा, गंगा एवं कोसी नदी के जलस्तर में मंगलवार को वृद्धि दर्ज की गयी है. पिछले 12 घंटे के दौरान दो से 15 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हुई है. जिस तरह रुक-रुक कर बारिश हो रही है तथा नदियों के जलस्तर में वृद्धि है. इससे बाढ़ आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.

जिले के महानंदा, गंगा, बरंडी व कोसी नदी के जलस्तर में वृद्वि होने लगी है. पिछले 12 घंटे के दौरान जलस्तर में दो से 15 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गयी है. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अनुसार महानंदा नदी झौआ में सोमवार की शाम जलस्तर 31.12 मीटर था, जो मंगलवार की सवेरे जलस्तर बढ़कर 31.22 मीटर हो गया. इसी नदी के बहरखाल में 31.01 मीटर था, जो बढ़कर 31.08 मीटर हो गया. कुर्सेल में सोमवार की शाम 31.16 मीटर था, जो मंगलवार की सवेरे बढ़कर 31.24 मीटर हो गया. इसी नदी के दुर्गापुर में जलस्तर 27.49 मीटर था, जो 12 घंटे बाद 27.59 मीटर हो गया.

गोविंदपुर में इस नदी का जलस्तर शाम में 25.67 मीटर था, जो मंगलवार की सुबह जलस्तर बढ़कर 25.85 मीटर हो गया. यह नदी आजमनगर व धबोल में भी बढ़ रही है. आजमनगर में इस नदी का जलस्तर 29.70 मीटर था. मंगलवार की सवेरे यहां का जलस्तर बढ़कर 29.80 हो गया. धबौल में इस नदी का जलस्तर 29.02 मीटर दर्ज किया गया है. यहां का जलस्तर 12 घंटे के बाद शाम में बढ़कर 29.12 मीटर हो गया है.

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गंगा व कोसी के जलस्तर में जारी है वृद्धि

गंगा एवं कोसी नदी के जलस्तर भी लगातार बढ़ती जा रही है. गंगा नदी के रामायणपुर में सोमवार की शाम 23.05 मीटर दर्ज किया गया, जो शाम में बढ़कर 23.15 मीटर हो गया. इसी नदी के काढ़ागोला घाट पर जलस्तर 24.48 मीटर था. जबकि मंगलवार की सवेरे यहां का जलस्तर बढ़कर 24.60 मीटर हो गया है. कोसी नदी का जलस्तर कुरसेला रेलवे ब्रिज पर सोमवार की शाम जलस्तर 25.53 मीटर दर्ज की गयी. शाम में यहां का जलस्तर बढ़कर 25.78 मीटर हो गया है.

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