कोसी नदी के जलस्तर में आयी कमी, पूर्वी कोसी तटबंध के 16.98 किमी स्पर पर दबाव

शुक्रवार की शाम चार बजे कोसी बराज स्थित कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार कोसी नदी का जलस्तर 01 लाख 25 हजार 845 क्यूसेक बढ़ते क्रम में दर्ज किया गया है

By Prabhat Khabar News Desk | June 21, 2024 7:10 PM

वीरपुर. कोसी नदी के जलस्तर में जिस प्रकार बढ़ोतरी हुई थी, ठीक उसी अनुपात में कमी भी हुई है. शुक्रवार की शाम चार बजे कोसी बराज स्थित कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार कोसी नदी का जलस्तर 01 लाख 25 हजार 845 क्यूसेक बढ़ते क्रम में दर्ज किया गया है. बराज के 20 फाटकों को खोला गया है. वहीं जल अधिग्रहण बराह क्षेत्र में जलस्तर में भारी कमी देखी गई. बराहक्षेत्र का जलस्तर 68 हजार क्यूसेक घटते क्रम में दर्ज किया गया. नदी के प्रवाह में बालू की अधिक मात्रा होने से शुक्रवार को भी फ्लेसिंग का कार्य जारी रहा. जिस कारण सिंचाई के लिए पूर्वी और पश्चिमी दोनों ही मुख्य नहरों में पानी नहीं छोड़ा गया है. कोसी बराज स्थित कंट्रोल रूम से मिली जानकारी अनुसार गुरुवार की शाम 08 बजे नदी का जलस्तर 02 लाख 39 लाख 515 क्यूसेक बढ़ते क्रम में दर्ज किया गया था और बराज के 26 फाटकों को खोल दिया गया था. जिसके बाद लगातार जलस्तर में गिरावट होने लगी और मात्र 20 घंटे बाद नदी के जलस्तर में 01 लाख 13 हजार 670 क्यूसेक की कमी हुई है. जिसके बाद अभियंताओं और तटबंध के बीच बसने वाले लोगों ने राहत की सांस ली है. नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के बाद विभागीय जेई, सहायक अभियंता, कार्यपालक अभियंता समेत सभी विभागीय वरीय पदाधिकारियों का कोसी बराज पर जमावड़ा बना हुआ था. फिलहाल कोसी नदी के जलस्तर में हुई व्यापक कमी ने आम जनमानस को भी राहत दिया है. मुख्यालय के कौशिकी भवन स्थित मुख्य अभियंता के बाढ़ नियंत्रण कक्ष से मिली खैरियत प्रतिवेदन के अनुसार पूर्वी कोसी तटबंध के 16.98 किमी स्पर पर बढ़ते और घटते जलस्तर का दबाव बताया जा रहा है. इसके अलावे नदी के दोनों ही तटबंध के स्टर्ड व स्पर अपने सभी अवयवों के साथ सुरक्षित बताये जा रहे है. तटबंध पर सतत निगरानी और चौकसी जारी है. कोसी नदी में जबतक अधिक जलप्रवाह नहीं हुई था तबतक ये बताना बड़ा ही मुश्किल था कि नदी का प्रवाह पूरब की तरफ है या फिर पश्चिम की ओर. लेकिन गुरुवार की रात इस साल के सर्वाधिक जलस्तर से विभागीय सूत्र बताते हैं कि नदी का बहाव पूरब की तरफ है. यानी कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि नदी के डिस्चार्ज में बढ़ोतरी होने पर पूर्वी कोसी तटबंध अधिक प्रभावित होगी.

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