जिले में पांव पसारने लगा डेंगू, एक सप्ताह में पाये गये दो मरीज, अलर्ट मोड में स्वास्थ्य विभाग

सदर अस्पताल में बनाया गया डेंगू वार्ड, लगाये गये पांच बेड

By Prabhat Khabar News Desk | September 20, 2024 9:44 PM

– सदर अस्पताल में बनाया गया डेंगू वार्ड, लगाये गये पांच बेड सुपौल. जिले में पिछले एक सप्ताह में डेंगू के दो मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में है. डेंगू को लेकर सदर अस्पताल सुपौल में डेंगू वार्ड बनाया गया है. जिसमें पांच बेड भी लगाया गया है. वहीं जिले भर के सभी अनुमंडलीय अस्पताल एवं पीएचसी में भी डेंगू को लेकर कई आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया गया है. सिविल सर्जन डॉ ललन कुमार ठाकुर ने बताया कि डेंगू को लेकर जिले भर के सभी अनुमंडलीय अस्पताल एवं पीएचसी में डेंगू से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी को शत प्रतिशत लागू करने को कहा गया है. सीएस ने कहा कि डेंगू एक प्रकार का बुखार है जो वायरस से होता है. सामान्य रूप से यह 05 से 07 दिनों के भीतर अपने आप ठीक हो जाता है. किंतु कुछ परिस्थितियों में यह गंभीर रूप धारण कर लेता है. डेंगू के जांच एवं उपचार की सुविधा जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में है. कहा कि घर के आस-पास, घरों के अन्दर कूलर, फ्रीज आदि में पानी जमा न होने दे. सप्ताह में एक बार कूलर फ्रीज आदि का पानी अवश्य बदले. बुखार की स्थिति में रोगी को डॉक्टरों से अवश्य दिखाएं. वर्ष 2019 में सर्वाधिक डेंगू के 23 मरीज मिले थे. जिसके बाद वर्ष 2022 में डेंगू के दो मरीज मिले. वर्ष 2023 में 07 मरीज मिले. वही इस वर्ष अभी तक जिले में 04 मरीज मिले हैं. मादा एडीज मच्छर के काटने से फैलता है डेंगू संक्रमित जिला भेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ दीप नारायण राम ने बताया कि डेंगू संक्रमित मादा एडीज मच्छर के काटने से फैलता है. एडीज मच्छर प्रायः दिन में काटते हैं. किसी संक्रमित रोगी को काटने के उपरांत मच्छर भी संक्रमित हो जाता है. एक बार संक्रमित होने के पश्चात मादा एडीज मच्छर जीवन भर संक्रमित रहती है. एक मादा एडीज मच्छर की औसत आयु लगभग तीन सप्ताह होती है. संक्रमित होने के 08 से 11 दिनों के बाद मच्छर दूसरों में रोग प्रसार के लायक हो जाती है . मादा एडीज मच्छर के पैरों व पिछले भाग पर सफेद रेखाएं होती है. इसे टाइगर मच्छर के नाम से भी जाना जाता है. यह प्रायः घर के अन्दर छायादार एवं ठंडी जगहों पर रहना पसंद करते हैं. यह घरों में अंडे देते हैं. यह मुख्यतः रूम ,कूलर्स, , पानी की टंकी , बेकार बर्तन, टायर जिसमें वर्षा का पानी जमा होता है, फूलों के गमले, फ्रीज ट्रे आदि में अंडे देती है. यह 400 मीटर तक उड़ कर जा सकते हैं. डेंगू बुखार के लक्षण तेज सिर दर्द , बुखार , मांसपेषियों एवं जोड़ो में दर्द , आंखों के पीछे दर्द ,मितली, उल्टी , त्वचा पर चकता होना आदि है. डेंगू के रोगी को क्या करना चाहिए रोगी को पूरा आराम दें. शरीर के तापमान को कम रखने के लिए बदन को पानी से भीगे कपड़ों को निचोड़ कर पोछे . तेज बदन दर्द हेतु हल्की दर्द निवारक दवाएं दें. एस्पीरिन तथा आईबुत्रुफेन की गोली कदापि न दें. रोगी के शरीर में पानी की कमी को दूर करने के लिए ओआरएस या घर में बने जीवन रक्षक अथवा अन्य तरल पदार्थ या फल , सब्जी का जूस या सूप दें.

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