जिला स्तरीय खरीफ कर्मशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम

जिला स्तरीय खरीफ कर्मशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम

By Prabhat Khabar News Desk | May 27, 2024 9:37 PM

खरीफ महा अभियान 2024 को लेकर जिला स्तरीय खरीफ कर्मशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

कृषकों के उन्नति के लिए चलाए जा रहे योजनाओं की विस्तार से दी जानकारी

फोटो- 09, 10, 11

कैप्सन – कार्यशाला का शुभारंभ करते अधिकारी, उपस्थित किसान व अन्य, किसानों को बीज देते अधिकारी.

प्रतिनिधि,सुपौल

कृषि विभाग के द्वारा खरीफ महा अभियान 2024 के तहत सोमवार को जिला मुख्यालय स्थित पुष्पांजलि विल्ला सभागार भवन में जिला स्तरीय खरीफ कर्मशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित की गयी. कर्मशाला सह प्रशिक्षण सह कर्मशाला का शुभारंभ उप विकास आयुक्त सुधीर कुमार, डायरेक्टर बसोका सनत जयपुरियार, कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक मिथिलेश कुमार राय, जिला कृषि पदाधिकारी अजीत कुमार यादव, सहायक निदेशक रासायन अमितेश कुमार, डॉ नदीम आदि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया. कार्यशाला में जिले के सभी बीएओ, एसी, बीटीएम, एटीएम, बीएचओ, केएस सहित अन्य कर्मी व पदाधिकारी मौजूद थे. कार्यक्रम का संचालन सदर अनुमंडल कृषि पदाधिकारी अश्विनी कुमार ने किया.

कार्यक्रम में डीएओ यादव ने खरीफ महाभियान 2024-25 सह प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित सभी अधिकारी, कर्मी व किसानों का स्वागत किया. कहा कि राज्य के अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान है. यहां की 80 प्रतिशत जनसंख्या प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है. इसलिए बिहार सरकार कृषि के विकास एवं कृषकों के उन्नति के लिए उनके हित में कृषि विभाग के माध्यम से विभिन्न योजनाएं चला रही है. जिसमें मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण योजना के तहत सुपौल जिला अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 10300 नमूना संग्रह का लक्ष्य प्राप्त हुआ. जिसके विरुद्ध 10300 ऑनलाइन ग्रीड का निर्माण कर लिया गया है. बताया कि जिला में मिट्टी के स्वास्थ्य को अक्षुण्ण रखते हुए फसलों की उत्पादकता बढ़ाने एवं टिकाऊ खेती को प्रोत्साहित करने एवं संतुलित मात्रा में आवश्यकतानुसार उर्वरकों का प्रयोग करते हुए फसलवार लक्षित उपज के अनुसार उर्वरकों की अनुशंसा तैयार करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा कृषकों के खेतों की मिट्टी नमूनों की जांच कर मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराना है. मिट्टी जांच आधारित पोषक तत्वों/मुदा सुधारक के उपयोग को प्रोत्साहित करते हुए मिट्टी को स्वस्थ रखना है.

अनुदानित दर पर बीज वितरण कार्यक्रम के तहत खरीफ 2024-25 में जिला को विभिन्न योजना में विभिन्न फसलों के लिए कुल 2324.34 क्विंटल बीज वितरण का लक्ष्य प्राप्त हुआ है. जिसमें मिलेट्स एवं मक्का पर विशेष ध्यान दिया गया है. खरीफ 2024-25 अन्तर्गत वर्तमान में कुल 1244 कृषकों द्वारा 185.93 क्विंटल बीज हेतु ऑनलाइन आवेदन किया गया है. इच्छुक किसान के द्वारा https://brbn.bihar.gov.in/Home/Demand के माध्यम से ऑनलाईन आवेदन किया जा रहा है.

विभाग द्वारा मोटा अनाज तथा मक्का खेती कलस्टर में करने का निर्देश प्राप्त है. इसके अंतर्गत मोटा अनाज के लिए 76 कलस्टर एवं मक्का के लिए 115 कलस्टर का निर्माण किया गया है. मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना अंतर्गत 90 प्रतिशत अनुदान पर प्रति राजस्वग्राम दो कृषकों को 06 किलोग्राम प्रति किसान गेहूं बीज उपलब्ध कराया जाना है. बीजग्राम योजना अंतर्गत एक बीजग्राम में 100 कृषकों को 12 किलोग्राम प्रति किसान की दर से धान बीज, उपलब्ध कराया जाना है. प्रत्येक प्रखंड में एक-एक बीज ग्राम का लक्ष्य दिया गया है. अनुदानित दर पर धान बीज वितरण हेतु 1618.88 क्विंटल का लक्ष्य प्राप्त है. बीआरबीएन से बीज प्राप्त होते ही ससमय वितरण करा लिया जायेगा.

कृषि विभाग द्वारा कृषि यांत्रिकरण योजना अंतर्गत कृषि कार्य में प्रयोग किये जाने वाले यंत्रों का कृषकों द्वारा क्रय किये जाने पर अनुदान दिये जाने का प्रावधान है. अनुदान के रूप में विभिन्न यंत्रों पर कुल कीमत का 50 से 80 प्रतिशत देय है. कृषि यांत्रिकरण योजना से लाभ प्राप्त कर कृषक कृषि के उन्नत तकनीकों का प्रयोग कर समय एवं लागत मूल्य में बचत कर पैदावार से अधिक लाभ प्राप्त कर रहे हैं. वर्ष 2024-25 अंतर्गत 05 अप्रैल 2024 से इच्छुक किसान द्वारा विभागीय साईट https://farmech.bih.nic.in/FMNEW/Homenew.aspx के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन किया जा रहा है. विभिन्न यंत्रों के लिए कुल 1208 आवेदन प्राप्त हुआ है. वर्तमान में आवेदन की अंतिम तिथि 31 मई 2024 तक निर्धारित किया गया है.

जैविक खेती प्रोत्साहन योजना का मुख्य उद्देश्य कृषक खेती को दीर्घकालीन एवं टिकाऊ बनाना एवं विषमुक्त अन्न का उत्पादन करना, मिट्टी के स्वास्थ्य की रक्षा एवं मिट्टी में उपलब्ध लाभदायक जीवाणुओं का संरक्षण करना, फसलों के लागत मूल्य में कमी लाना, फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि करना, किसानों के शुद्ध आय में वृद्धि करना एवं जैविक उत्पाद उपयोग को बढ़ावा देकर मानव स्वास्थ्य का संवर्द्धन करना है. इस योजनान्तर्गत कृषकों द्वारा 10 फीट लंबा, 03 फीट चौड़ा, 2.5 फीट ऊंचा पक्का वर्मी कम्पोस्ट इकाई का निर्माण कर पशुओं के गोबर व घरेलू कार्बनिक कचरा से वर्मी कम्पोस्ट बनाया जाता है. इस योजना अंतर्गत कृषकों द्वारा निर्मित पक्का वर्मी कम्पोस्ट इकाई हेतु 5000 रुपये प्रति इकाई की दर से अधिकतम 03 इकाई हेतु अनुदान देय है. वर्ष 2023-24 में जैविक खेती प्रोत्साहन योजना अंतर्गत विभाग द्वारा कुल 441 पक्का वर्मी कंपोस्ट इकाई एवं 04 बायोगैस संयंत्र का लक्ष्य प्राप्त है. बायोगैस में कृषक बंधु गोबर एवं कार्बनिक कचरा का प्रयोग कर खाना बनाने वाली एवं लाईट, पंखा इत्यादि हेतु गैस तैयार कर सकते हैं एवं उनके सह उत्पाद (स्लरी) का उपयोग कर वर्मी कम्पोस्ट भी तैयार कर सकते हैं. वित्तीय वर्ष 2023-24 अंतर्गत पक्का वर्गीपीट 406 ईकाई एवं बायो गैस संयंत्र का निर्माण किया गया है.

बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत सरकार के द्वारा प्रत्येक वर्ष 2000 के तीन किस्तों में कुल 6000 रुपये दिया जाता है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना अंतर्गत सभी लाभुकों का ई-केवायसी, एनपीसीएल, आधार सुधार, भौतिक सत्यापन कार्य किया जाना है. वर्त्तमान में सुपौल जिला अंतर्गत कुल 814 लाभुकों का ई-केवायसी, 6283 लाभुकों का एनपीसीएल, 264 लाभुकों का आधार सुधार, 78677 लाभुकों का भौतिक सत्यापन लंबित है. जिन लाभुकों का ई-केवायसी नहीं हुआ है, वैसे लाभुक अपने पंचायत अंतर्गत किसान सलाहकार, कृषि समन्वयक अथवा बसुधा केंद्र पर जाकर ई-केवायसी करा सकते हैं एवं जिन लाभुकों का एनपीसीएल लंबित है, वैसे लाभुक बैंक से संपर्क कर अपने खाता को एनपीसीएल से लिंक करा सकते हैं अथवा पोस्टऑफिस से आइपीपीबी खाता खुलवा सकते हैं. आधार सुधार हेतु किसान स्वयं, अपने पंचायत के किसान सलाहकार या कृषि समन्वयक के माध्यम से अथवा अपने नजदीकी वसुधा केंद्र व ग्राहक सेवा केंद्र पर संपर्क कर सुधार करवा सकते हैं. जिला अंतर्गत सभी लाभुकों का भौतिक सत्यापन संबंधित पंचायत के किसान सलाहकार या कृषि समन्वयक द्वारा किया जाना है. बताया कि पंचायत अंतर्गत किसान सलाहकार, संबंधित एटीएम, बीटीएम, कृषि समन्वयक इस कार्य में सहयोग करेंगे. जो कृषक अपना ई-केवायसी, एनपीसीएल, आधार सुधार कार्य एवं भौतिक सत्यापन नहीं करायेंगे, वैसे कृषक 17वीं किस्त की राशि से वंचित हो जायेंगे. इस मौके पर संजय कुमार, दीपक कुमार, शिखा कुमारी, वीरपुर, त्रिवेणीगंज व निर्मली के अनुमंडल कृषि पदाधिकारी सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version