महिला चिकित्सक की हत्या व आंदोलनरत चिकित्सकों पर हुए हमले को लेकर चिकित्सकों ने किया ओपीडी कार्य का बहिष्कार
चिकित्सकों के कार्य बहिष्कार से जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरायी - मांग पूरी होने तक जारी रहेगा आंदोलन
– चिकित्सकों के कार्य बहिष्कार से जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरायी – मांग पूरी होने तक जारी रहेगा आंदोलन – आईएमए, आइडीए व भासा के सदस्यों ने किया सेंट्रल मेडिकल प्रोटेक्सन एक्ट लागू करने की मांग सुपौल. कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म व हत्या करने, आंदोलनरत चिकित्सकों पर किये गये हमले को लेकर राष्ट्रीय एवं बिहार आईएमए के आह्वान पर सुपौल आईएमए, आइडीए एवं भासा के सदस्यों द्वारा शनिवार को सदर अस्पताल परिसर में ओपीडी कार्य का बहिष्कार किया गया एवं एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया गया. आईएमए के अध्यक्ष डॉ शांतिभूषण एवं सचिव डॉ ओपी अमन ने संयुक्त रूप से कहा कि जब तक महिला चिकित्सक की हत्यारों को फांसी की सजा तथा 14 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हमला करने वाले उपद्रवियों की पहचान कर सजा देने व सेंट्रल मेडिकल प्रोटेक्सन एक्ट लागू करने की मांग की है. कहा कि सरकार व प्रशासन द्वारा कार्रवाई में ढुलमुल रवैया अख्तियार कर रही है. यदि यही रवैया रहा तो इस आंदोलन को और उग्र किया जायेगा. भासा के जिला सचिव डॉ विनय कुमार ने कोलकाता में हुए इस अमानवीय घटना को लेकर कहा कि जब तक दोषियों को सजा नहीं मिल जाती, तब तक आंदोलन अनवरत चलता रहेगा. इस मौके पर डॉ विश्वरंजन दास, डॉ राजाराम गुप्ता, डॉ बीके यादव, डॉ नूतन वर्मा, डॉ चंदन कुमार, डॉ विनोद कुमार, डॉ रामचंद्र कुमार, डॉ दिनेश कुमार, डॉ ठाकुर प्रसाद, डॉ संजय मिश्रा, डॉ सोनू रूले, डॉ अभिषेक कुमार, डॉ करण अपूर्वा, डॉ आलोक कुमार, डॉ रौशन सिंह, डॉ रंजन कुमार, डॉ सफेउल्लाह, डॉ नीलम वर्मा, डॉ रंजीत कुमार, डॉ मधु रश्मि, डॉ ममता कुमारी, डॉ रागिनी भूषण, डॉ सारिका कुमारी सहित पारामेडिकल के छात्र एवं छात्राएं व कर्मी मौजूद थे. आईएमए को मिला नगर परिषद का समर्थन विगत दिनों कोलकाता में एक महिला चिकित्सक के साथ हुई बर्बरतापूर्ण घटना को लेकर जिले के चिकित्सकों द्वारा निरंतर विरोध प्रदर्शन एवं ओपीडी बहिष्कार किया जा रहा है. नगर परिषद के चेयरमैन सहित सभी वार्डों के पार्षदों द्वारा धरना पर बैठे डॉक्टरों का नैतिक समर्थन किया. नगर परिषद के मुख्य पार्षद राघवेंद्र झा राघव ने समर्थन देते हुए कहा कि धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर पर इस तरह की बर्बरता पूर्ण घटना बहुत ही शर्मनाक है. जिसका नगर परिषद एवं नगर परिषद क्षेत्र के सभी नागरिक निंदा करते हैं एवं आईएमए द्वारा किये जा रहे सभी तरह के प्रदर्शन का समर्थन करते हैं. सरकार से मांग है कि 24 घंटा सेवा देने वाले डॉक्टरों का सुरक्षा की गारंटी सुनिश्चित करें. ओपीडी बाधित रहने से परेशान रहे मरीज सदर अस्पताल सहित जिले के विभिन्न अस्पतालों एवं निजी क्लिनिकों में शनिवार को आईएमए के आह्वान पर 24 घंटे के लिए ओपीडी सेवा बाधित रही. इसको लेकर इलाज के लिए आये मरीजों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. बहुत ऐसे मरीज थे, जिन्हें पता भी नहीं था कि ओपीडी बंद है. इलाज कराने आये मरीजों में रामदत्तपट्टी की सुलताना खातून, सुंदरपुर की पारो देवी, नेमुआ की बबीता देवी सहित दर्जनों मरीजों ने बताया कि हमलोग इलाज के लिए सदर अस्पताल आये थे. लेकिन यहां डॉक्टर सब हड़ताल पर हैं. जिस कारण हमलोग अब कहां जाएं. कुछ समझ में नहीं आ रहा है. हमलोग इमरजेंसी में दिखाने को गये, लेकिन वहां पर हमें यह कह कर भेज दिया गया कि यहां सिर्फ इमरजेंसी मरीज को ही देखा जाता है. हमलोग को यह भी पता नहीं है कि डॉक्टर सब हड़ताल पर क्यों है.
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