कोलकाता में चिकित्सक की हत्या के विरोध में सदर अस्पताल के ओपीडी सेवा से अलग रहे चिकित्सक, कार्रवाई की मांग
संघ ने बिहार सरकार से सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर किया है
सुपौल. कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पीजी की छात्रा के साथ दुष्कर्म कर बर्बरतापूर्वक हत्या मामले को लेकर बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ के आह्वान पर बुधवार को सदर अस्पताल में ओपीडी सेवा बाधित रही. जानकारी देते हुए भासा के जिला सचिव डॉ विनय कुमार ने बताया कि बीते दिनों कोलकाता में हुई चिकित्सक की नृशंस हत्या के विरोध में बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ रेजिडेंर एसोसिएशन के आंदोलन का नैतिक समर्थन करता है. घटना में संलिप्त अपराधियों को कठोर से कठोर सजा की मांग करती है. ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृति ना हो. संघ ने बिहार सरकार से सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर किया है. स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट को अविलंब प्रभावी बनाया जाय. रोज-रोज चिकित्सकों पर कार्य स्थल पर हमला आम बात हो गयी है. इतना ही नहीं कनीय पदाधिकारी एवं लोकल नेताओं द्वारा अस्पताल के निरीक्षण के नाम पर चिकित्सकों के साथ अभद्र व्यवहार बढ़ता जा रहा है. चिकित्सकों को कार्य स्थल पर सुरक्षा की पुख्ता प्रबंध सुनिश्चित किया जाय. ओपीडी बहिष्कार करने वाले डॉक्टरों में डॉ केके झा, डॉ चंदन कुमार, डॉ संजय मिश्रा, डॉ पूजा भारती, डॉ जाहिद, डॉ रूबाना, डॉ रंजीत कुमार, डॉ जितेंद्र कुमार सिंह, प्रमोद कुमार सहित अन्य मौजूद थे.
कैंडल मार्च निकाल कर जताया विरोधडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है