सुपौल. सीमावर्ती क्षेत्र में नेपाल से आने वाली खारो व जीता नदी का कटाव तेज हो गया है. सीमा पिलर संख्या 222 व 223 के बीच खारो व जीता नदी की तेज धारा ने एक बार फिर अपना नया कटाव मार्ग दक्षिण दिशा की ओर बनाया है. इस समतल भूमि में लगे कटाव से कुनौली, कमलपुर व डगमारा के लोगों की चिंता बढ़ गयी है. कटाव को रोकने के लिए अभी तक न तो सरकार और न ही संबंधित विभाग द्वारा कोई ठोस और साकारात्मक पहल की गयी है. विभाग व सरकार के उदासीन रवैया को देखते हुए कुनौली के मुखिया व आमलोगों के सहयोग से कटाव स्थल पर चंदा एकत्रित कर बांस की पाइलिंग, चचरी, टट्टी, बालू व मिट्टी से भरे बोरा देकर कटाव को रोकने का प्रयास किया जा रहा है. स्थानीय ग्रामीण बादल कुमार, दुखा कामत, इरफान मियां, सुरेश वर्मन, जीवछ शर्मा, धनिक लाल दास, हुसैन आदि ने बताया कि कुनौली बॉर्डर से लेकर शांति वन तक 02 किलोमीटर की दूरी में भारतीय प्रभाग स्थित सीमा सुरक्षा गाइड बांध में पहले से ही कटाव जारी है. अब गोरियारी और शांति वन जाने वाली मार्ग के समतल भूमि में कटाव शुरू हो गया है.
नदी की तेज धारा ने फिर अपनी दिशा उत्तर से दक्षिण की ओर कर ली है, जो इन नदियों का मुख्य मार्ग बन रहा है. यह मार्ग भारतीय प्रभाग के लिए और भी खतरनाक बन गया है. अगर कटाव को नहीं रोका गया तो नदी सीधा कुनौली बाजार होकर बहने लगेगी. इससे बड़ी तबाही मच जायेगी. यही वजह है कि कटाव मार्ग को रोकने के लिए जन सहयोग से कोशिश जारी है. ताकि इस नदी के चपेट में कुनौली, कमलपुर और डगमारा को आने से बचाया जा सके. ग्रामीणों ने बताया कि सांसद, विधायक समेत सरकार के छोटे बड़े सभी अधिकारियों को समस्या की जानकारी दी. कई लोगों ने निरीक्षण भी किया, लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक पहल नहीं की गयी. मुखिया सत्यनारायण रजक ने बताया कि इसकी जानकारी वरीय अधिकारियों को दी गयी है.