सिमराही बाजार में एनएच 106 व एनएच 27 के किनारे से हटाया गया अतिक्रमण
प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा बुलडोजर के साथ अतिक्रमण खाली करवाने का अभियान शुरू किया
– लाउडस्पीकर से अतिक्रमण हटाने का दिया था अल्टीमेटम – एनएचएआई के पास 73 रैयतों का भुगतान है लंबित राघोपुर थाना क्षेत्र के सिमराही बाजार में सोमवार को प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने के लिये अभियान चलाया गया. जहां प्रशासन के द्वारा एनएच 106 और एनएच 27 पर मौजूद अतिक्रमणकारियों के अतिक्रमण पर बुलडोजर चलाते हुए उसे खाली करवाया गया. इस दौरान बीडीओ ओम प्रकाश, सीओ रश्मि प्रिया, थानाध्यक्ष नवीन कुमार, एनएचएआई के अधिकारी सहित राघोपुर थाना व जिला पुलिस बल मौजूद रहे. मालूम हो कि अतिक्रमण खाली करवाने को लेकर दो दिन पूर्व अंचलाधिकारी द्वारा लाउडस्पीकर से प्रचार प्रसार कर लोगों को अतिक्रमण खाली करने का निर्देश दिया गया था. साथ ही खाली नहीं करने के बाद प्रशासन द्वारा सोमवार तक अतिक्रमण हटाने का अल्टीमेटम दिया गया था. बावजूद कुछ अतिक्रमणकारियों द्वारा अपना-अपना अतिक्रमण समय से पूर्व हटा लिया गया था, वहीं कुछ लोगों द्वारा अतिक्रमण खाली नहीं किया गया था. जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा बुलडोजर के साथ अतिक्रमण खाली करवाने का अभियान शुरू किया गया. इस दौरान जेपी चौक के समीप सभी फुटकर विक्रेताओं का दुकान व गुमटी तोड़कर हटा दिया गया. साथ ही सड़क पर मौजूद मलवा को नगर पंचायत के सफाई कर्मियों की मदद से हटाया गया. साथ ही अधिग्रहित क्षेत्र में पड़ने वाले भवनों को भी प्रशासन के द्वारा तोड़ दिया गया. इस दौरान अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासनिक डंडा चलने के बाद लोगों ने स्वतः अपने दुकान के आगे लगे शेड, पोस्टर, बैनर आदि हटाने लगे. नहीं हो सका है मुआवजा भुगतान वहीं अतिक्रमण खाली करवाने के दौरान अधिकारियों को लोगों के आक्रोश का भी सामना करना पड़ा. सिमराही बाजार के रैयतों का कहना था कि सिमराही के करीब 73 रैयतों का भुगतान अभी भी एनएचएआई के पास लंबित है. जिसमें से अधिकांश रैयतों को एनएचएआई द्वारा जमीन अधिग्रहण किए जाने के बाद से आज तक एक भी पैसा का भुगतान नहीं किया गया है. जबकि ऐसे भी रैयत है, जिनका आंशिक भुगतान लंबित है. स्थानीय रैयतों का कहना था कि बार-बार प्रशासन द्वारा अतिक्रमण खाली करवाने के नाम पर लोगों का घर दुकान तोड़ दिया जाता है. लेकिन कभी भुगतान की दिशा में कोई कार्यवाही नहीं की गई है. लोगों का कहना था कि प्रशासन पहले लोगों के भुगतान के प्रक्रिया को पूर्ण कर ले, उसके बाद यहां के लोग स्वयं ही एनएचएआई द्वारा अधिग्रहित जमीन को खाली कर देंगे. रैयतों के पक्ष में न्यायालय ने दिया है फैसला लोगों ने जिलाधिकारी व मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा है कि जिला प्रशासन एनएचएआई के अधिकारियों के साथ सिमराही में कैंप कर लोगों के भुगतान संबंधी समस्या को सुनकर उसका त्वरित निष्पादन करें और रैयतों को भुगतान करवाएं. जिसके बाद रैयत भी प्रशासन का सहयोग करते हुए अतिक्रमण खाली करवाने में अपनी भूमिका निभाएंगे. लोगों ने बताया कि सिमराही दशकों से व्यावसायिक बाजार के रूप में स्थापित है. लेकिन अधिकारियों की उदासीनता की वजह से शुरुआत में यहां के रैयतों को व्यावसायिक दर से भुगतान नहीं किया गया. जिसके बाद रैयतों ने न्यायालय का शरण लिया. अब न्यायालय का भी फैसला रैयतों के पक्ष में आ गया है, लेकिन फैसले के बाद भी लोगों का भुगतान लंबित है.
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