मुख्यमंत्री कृषि हरित संयंत्र योजना : 181 पैक्स में से 77 पैक्स को उपलब्ध कराया गया यंत्र, 39 पैक्स को शीघ्र मिलेगा यंत्र

Supaul News: जिले के 181 पैक्स में प्रथम चरण में मुख्यमंत्री हरित कृषि संयंत्र योजना के तहत 77 पैक्स को विभिन्न प्रकार के कृषि संयंत्र उपलब्ध कराये गये हैं. वहीं दूसरे चरण में 39 पैक्स का चयन इस योजना के लिए किया गया है. जिसे भी संयंत्र उपलब्ध कराये जाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 29, 2024 8:44 AM

Supaul News: जिले के 181 पैक्स में प्रथम चरण में मुख्यमंत्री हरित कृषि संयंत्र योजना के तहत 77 पैक्स को विभिन्न प्रकार के कृषि संयंत्र उपलब्ध कराये गये हैं. वहीं दूसरे चरण में 39 पैक्स का चयन इस योजना के लिए किया गया है. जिसे भी संयंत्र उपलब्ध कराये जाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. जिन पैक्स को संयंत्र उपलब्ध कराया गया है, उनमें कई संयंत्र कॉमन हैं. ग्रामीण इलाके में परंपरागत खेती के लिए किसानों को अधिकतर ट्रैक्टर, रोटा वेटर, कल्टीवेटर, ट्रॉली, मल्टी क्रॉप, धान तैयार करने वाला थ्रेसर, गेहूं तैयार करने वाला थ्रेसर, डिस्क हेरो, लेवलर, स्प्रे मशीन की जरूरत होती है. लिहाजा पैक्स भी इसी प्रकार के संयंत्र की खरीदारी की है. इस योजना के तहत जिले को विभाग द्वारा 103822048.83 रुपये आवंटित किया गया है. जिसमें 08 करोड़ 07 लाख 825 रुपये खर्च किये जा चुके हैं.

किसानों को आसानी से मिल रहा संयंत्र

जिन पैक्सों ने कृषि संयंत्र खरीद कर ली है. उस क्षेत्र के किसानों को आसानी से यह संयंत्र उपलब्ध हो रहा है. किसानों ने खरीफ के मौसम में इस संयंत्र के सहारे समय पर धान की रोपनी की है. किसानों ने कहा कि समय से धान की खेती हो जाने से पैदावार अधिक होने की संभावना है. बताया कि यंत्र भाड़े पर लेने के लिए वे लोग अपना पंजीयन के साथ पैक्स में आवेदन किया था. बताया कि कुछ किसान ऑनलाइन आवेदन कर इस योजना का लाभ लिए हैं.

राघोपुर प्रखंड में सबसे अधिक यंत्र की हुई है आपूर्ति

सहकारिता विभाग के आंकड़े पर गौर करें तो राघोपुर प्रखंड क्षेत्र के समितियों ने इस योजना में रुचि दिखाते भरपूर लाभ लिया है. इस प्रखंड क्षेत्र के समितियों को 78 संयंत्र उपलब्ध कराये गये हैं. मरौना प्रखंड में योजना की स्थिति काफी लचर दिखायी दे रहा है. इस प्रखंड क्षेत्र में मात्र 06 यंत्र उपलब्ध कराये गये हैं. वहीं बसंतपुर में 19, छातापुर में 48, त्रिवेणीगंज में भी 48, किशनपुर में 44, निर्मली में 39, प्रतापगंज में 28, पिपरा में 54, सरायगढ़ में 33 एवं सदर प्रखंड में समितियों को 37 संयंत्र उपलब्ध कराये गये हैं. बताया जा रहा है कि इन समितियों द्वारा विभाग को प्रस्ताव भेजकर योजना में अभिरुचि दिखायी गयी थी.

विभाग द्वारा भाड़े का किया गया है निर्धारण

ट्रैक्टर एवं रोटावेटर का अधिकतम किराया एक जोताई के लिए 1400 रुपये प्रति एकड़ निर्धारित किया गया है. वहीं ट्रैक्टर एवं कल्टीवेटर से दूसरी जोताई का 1200 रुपये प्रति एकड़ किराया का निर्धारण किया गया है. डिस्क हेरो 1600 रुपये प्रति एकड़, एमबी प्लॉ 1600 रुपये प्रति एकड़, पोटेटो प्लांटर 1500 रुपये प्रति एकड़, शीड कंफर्टीलाइजर 1100 रुपये प्रति एकड़, लेबरलर, 01 हजार रुपये प्रति घंटा, लेजर एवं लेबरल 1200 रुपये प्रति घंटा, हेप्पी शीडर 01 हजार रुपये प्रति घंटा, पोटेटो डिगर 1500 रुपये प्रति एकड़, रिपर कंपाबडर 02 हजार रुपये प्रति एकड़, ट्रैक्टर रिपर 1200 रुपये प्रति घंटा, पावर एक्सप्रेयर 500 रुपये प्रतिदिन, ट्रैक्टर के साथ गेहूं थ्रेसर 01 हजार रुपये प्रति घंट एवं ट्रैक्टर के साथ धान थ्रेसर 01 हजार रुपये प्रति घंटा भाड़े का निर्धारण किया गया है.

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क्या कहते हैं डीसीओ

इस बाबत जिला सहकारिता पदाधिकारी अनिल कुमार गुप्ता ने बताया कि जिन समिति द्वारा योजना के तहत संयंत्र खरीद किये गये हैं. वह समिति मुनाफे में चल रही है. सभी क्रियाशील पैक्सों को इस योजना से आच्छान्दित किया जाना है. ताकि अधिक से अधिक किसानों को सस्ते दर पर कृषि संयंत्र उपलब्ध हो सकें.

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