कुहासा व कनकनाती ठंड ने बढ़ाई परेशानी

लोग ठंड से बचने के लिए घरों में दुबके हुए हैं

By Prabhat Khabar News Desk | January 22, 2025 6:13 PM

सुपौल. जिले में कड़ाके की ठंड और घने कुहासे ने आम जनजीवन को प्रभावित कर दिया है. सुबह और शाम के समय घने कोहरे के कारण दृश्यता बेहद कम हो रही है. जिससे यातायात प्रभावित हो रहा है. सड़कों पर वाहन रेंगते नजर आ रहे हैं, और लोग ठंड से बचने के लिए घरों में दुबके हुए हैं. ठंड के कारण बाजारों में भी रौनक कम देखी जा रही है. दिहाड़ी मजदूरों और गरीब तबके के लोग इस मौसम में सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं. स्थानीय प्रशासन ने सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की व्यवस्था की है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं दिख रही है. मौसम में बदलाव के चलते आम लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. बुधवार को जहां पूरे दिन सूर्य देव के दर्शन नहीं हो पाए, वहीं आसमान में पूरे दिन बादल छाए रहे. जबकि हाड़ कंपाती ठंड के चलते लोगों का हाल बेहाल रहा. मौसम की इस बेरुखी से शहर से गांव तक जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा. इस बीच सुबह और शाम में घने कोहरे के कारण भी परेशानी बढ़ गई. सुबह शाम बर्फीली हवा से शरीर में कंपन की स्थिति बनी रहती है. ठंड व गलन के कारण लोग दिन भर अपने-अपने घरों में ही दुबके रहे.

कक्षा आठ तक की शैक्षणिक गतिविधियां पर रोक

ठंड के कारण तापमान में आयी गिरावट व शीतलहर से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव को देखते हुए डीएम कौशल कुमार ने जिले के विद्यालयों की शैक्षणिक गतिविधियों को लेकर दिशा-निर्देश जारी किये हैं. जारी निर्देश के अनुसार, जिले के सभी निजी, सरकारी विद्यालयों एवं विद्यालयों वर्ग एक से आठ तक (प्री स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र, कोचिंग संस्थान सहित) में शैक्षणिक गतिविधियों को 23 जनवरी तक के लिए स्थगित रखने को कहा है.

कहते हैं मौसम वैज्ञानिक

कृषि मौसम वैज्ञानिक देवन चौधरी ने बताया कि अगले दो दिनों तक ठंड का प्रकोप जारी रहेगा. बुधवार को अधिकतम तापमान 14.7 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 10.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. जबकि 06 से 08 किमी रफ्तार से पछुआ हवा चल रही है. उन्होंने लोगों को अनावश्यक घर से बाहर न निकलें और ठंड से बचने के पर्याप्त उपाय करने की बात कही.

बढ़ती ठंड से मजदूरों को नहीं मिल रहा रोजगार

अचानक ठंड बढ़ने के कारण मजदूर वर्ग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. ठंड के कारण कामकाजी लोगों को अपनी रोजमर्रा की आजीविका के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. कृषि, निर्माण और अन्य अस्थायी कामों में मजदूरों की मांग में भारी कमी आई है. ठंड में काम करने से मजदूरों को विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिससे उन्हें काम से हटा दिया जाता है. ऐसे में मजदूरों के सामने बेरोजगारी की समस्या और बढ़ गई है.

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