सुपौल. बिहार में बढ़ते अपराध, हत्या, डकैती, लूटपाट, सत्ता के संरक्षण में अपराधी बेखौफ होकर घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. नाबालिग बच्चियों का घर से निकलना मुश्किल है. वीआईपी प्रमुख के पिता की हत्या का मामला हो, मुजफ्फरपुर के डीबीआर कंपनी में हुई युवतियों के साथ यौन शोषण की घटना समेत आए दिन संपूर्ण बिहार में डर के माहौल में जीने को मजबूर है. सुपौल जिला महागठबंधन की ओर से इन्हीं मुद्दों को लेकर स्थानीय गांधी मैदान से जन आक्रोश मार्च निकाल कर शहर के प्रमुख चौराहे होते हुए समाहरणालय पहुंच कर राज्यपाल के नाम जिला पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. मौके पर वक्ताओं ने कहा कि दिन-दहाड़े फिरौती और हत्या की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है. दलित, आदिवासी, अति पिछड़ा और पिछले समाज की महिलाएं दुष्कर्म, दमन और घुटन में जीने को मजबूर है. पूरा शासन प्रशासन ध्वस्त हो चुका है. समाज का कोई भी वर्ग इस प्रशासन में सुरक्षित नहीं है. बिहार की एनडीए सरकार इस संपूर्ण घटनाओं पर मूकदर्शक बनी हुई है. महागठबंधन के घटक दल बिहार में जारी इन घटनाओं के लिए अपराधियों और उनके संरक्षक बनी एनडीए सरकार के इस संवेदनहीनता की निंदा करते हैं और राज्यपाल महोदय से राज्य की दयनीय विधि व्यवस्था को संज्ञान में लेने का अनुरोध करते हैं. ताकि अपराधी घटनाओं पर अंकुश लगे और और बिहार का आम जन अमन चैन का जीवन जी सके. मौके पर पूर्व विधायक यदुवंश कुमार यादव, कांग्रेस जिलाध्यक्ष विमल कुमार यादव, राजद जिलाध्यक्ष संतोष सरदार, वीआईपी जिलाध्यक्ष बिजेंदर मुखिया, माले जिला सचिव जय नारायण यादव, सीपीएम नेता डॉ चंद्रभाष, भूप नारायण यादव, अनोज आर्य, डॉ विपिन सिंह, रामनाथ मंडल, दिनेश यादव, सईदुर रहमान, महेश्वर कामत, रामसागर पासवान, श्यामल यादव, मो मुस्ताक, एकता यादव, नीतिश मुखिया, राजकुमार यादव, श्रीलाल गोटिया, उमेश सरदार, ई विद्याभूषण, संतोष यादव, सलीमा खातून, सेमरा खातून, शमशेर आलम, जगदीश प्रसाद गुप्ता, शिवनंदन यादव, अफजल हुसैन, सगीर आलम, नसीब लाल सादा, जगदीश विश्वास, जिब्राइल आलम, रामचंद्र प्रसाद सिंह, मो उस्मान, बुधन मुखिया, गिरधारी मुखिया, राजेश्वर मुखिया, विशेश्वर कुमार मुखिया, शिव शंकर मुखिया, रंजीत मुखिया, शंभू मुखिया, साजन कुमार, शिवचंद्र मुखिया, सुमित कुमार, सुमन लाल, बहादुर मुखिया, राजकुमार मुखिया सहित बड़ी संख्या में महागठबंधन के कार्यकर्ता मौजूद थे.
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