हाई प्रोफाइल नशे की गर्त में जा रहे किशोर
शराबबंदी कानून लागू होने के बाद युवा व किशोर हाईप्रोफाइल नशे की गर्त में जा रहे है
जदिया. शराबबंदी कानून लागू होने के बाद युवा व किशोर हाईप्रोफाइल नशे की गर्त में जा रहे है. स्मैक व गांजा जैसे नशे का इस्तेमाल युवा पीढ़ी व किशोर कर रहे हैं. स्मैक सेवन करने वालों की संख्या को देखते हुए इसकी तस्करी भी बढ़ी है. शराबबंदी के बाद मादक पदार्थ की बिक्री को मानों पंख लग गया है. बाजार से लेकर गांव व मुहल्ले में धड़ल्ले से स्मैक व गांजा की बिक्री हो रही है. चाय पान की दुकान में मादक पदार्थ का मिलना व वहीं बैठकर धुंआ उड़ाना आम बात हो गयी है. शराबबंदी के बाद नशा के लिए लोग बड़े पैमाने पर स्मैक, गांजा व कोडिनयुक्त सिरफ का सेवन कर रहे है. इस कारण इसका डिमांड भी बढ़ गया है, जो हर चौक-चौराहे से लेकर गली मुहल्ले में धड़ल्ले से बिक्री व सेवन करते देखे जा सकते है. स्थिति ऐसी है कि हाट बाजार से लेकर चौक चौराहे पर स्मैक व गांजा लेने व गांजा फूंकने वालों का जमावड़ा लगा रहता है.
सिगरेट में भरकर हो रही है मादक पदार्थों की बिक्री
गांजा का अवैध कारोबार करने वाले लोग बिक्री करने का तरीका अलग तरह से रखे हुए हैं. पान तंबाकू की गुमटियों में गांजा की पुड़िया व सिगरेट से भरा गांजा नशे के आदी लोगों को आसानी से उपलब्ध कराया जाता है. सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार इस अवैध धंधे में संलिप्त लोग मात्रा के हिसाब से पुड़िया बनाकर बेचते हैं. इसके अलावा सिगरेट भरा हुआ गांजा भी बाजार में बेचा जा रहा है, जो सभ्य समाज के लिए चिंता का सबब बन चुका है. सूत्र बताते हैं कि स्मैक व गांजा का अवैध कारोबार करने वाले लोग कम उम्र के लड़कों को उक्त धंधे में शामिल कर उनका जीवन बर्बाद कर रहे हैं.
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