डीपीएस के वार्षिक खेल-कूद का शुभारंभ
अतिथियों ने विद्यालय के परेड (मार्च पास्ट) का निरीक्षण करके कार्यक्रम स्थल पर छात्र-छात्राओं की सलामी ली
– मशाल जलाकर एवं शांति का प्रतिक कबूतर उड़ाकर विधिवत रूप से खेल का किया गया शुभारंभ सुपौल. दिल्ली पब्लिक स्कूल के बैनर तले मंगलवार को जिला मुख्यालय स्थित स्टेडियम परिसर में वार्षिक खेल-कूद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ बैडमिंटन संघ के अध्यक्ष ओम प्रकाश यादव, सचिव अमित मोहनका, निदेशक उदय कर्ण द्वारा संयुक्त रूप से मशाल जलाकर एवं शांति का प्रतीक कबूतर उड़ाकर किया गया. इस दौरान हेड बॉय तथा हेड गर्ल के द्वारा सम्मानित अतिथियों को पुष्प गुच्छ देकर अभिनंदन किया गया. अतिथियों ने विद्यालय के परेड (मार्च पास्ट) का निरीक्षण करके कार्यक्रम स्थल पर छात्र-छात्राओं की सलामी ली. तदुपरांत विद्यार्थियों की खेल भावना को प्रोत्साहित तथा विकसित करने के लिए उन्हें शपथ दिलाई गयी. तत्पश्चात मशाल पूरे परिसर में घुमाया गया. इस समारोह का मुख्य आकर्षण विद्यालय के नन्हे मुन्ने छात्र-छात्राओं की प्रतिभागिता रही. जिन्होंने अपनी बाल सुलभ चंचलता से फ्रॉग जंप, बुक बैलेंसिंग, बटन संग्रहण तथा 50 मीटर की दौड़ में प्रतिभागी बनकर स्टेडियम में उपस्थित सभी लोगों का मन मोह लिया एवं मेडल तथा प्रमाण पत्र अपने नाम किया. इसके साथ ही अन्य वरीय प्रतिभागियों ने 50 मीटर, 100 मीटर, बैक थ्रो, क्रिकेट तथा कबड्डी में प्रतिभागी बनकर अपने जोश एवं उत्साह का परिचय देते हुए अपना नाम रोशन किया. अंततः विद्यालय की प्राचार्य सोनी सिम्मी ने कहा कि खेल में सफलता का रहस्य एक दिवसीय ना होकर कठिनाइयों से युक्त होता है. छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि खेल से प्रसिद्धि मिलती है. जीत से कभी अहलादित नहीं होना चाहिए और हार से सीख लेने की जरूरत है. विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य जोश कुट्टी, पीवी के सफल नेतृत्व और शारीरिक शिक्षक एवं विद्यालय के समस्त शिक्षक शिक्षिकाओं के पारस्परिक समन्वय तथा सहयोग से यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक संचालित किया गया. बुधवार को खेल प्रतियोगिता का समापन किया जायेगा. खेल से होता है मानसिक विकास : ओम प्रकाश प्रतियोगिता के मुख्य अतिथि ओमप्रकाश यादव ने विद्यालय के प्रतिभागियों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि बच्चों में मानसिक विकास के साथ-साथ शारीरिक विकास की नितांत आवश्यकता है. जो की शिक्षार्थियों को खेल भावना से ही प्राप्त होता है. यह खेल भावना अनुशासन, नेतृत्व क्षमता तथा सहयोग की भावना को विकसित करता है. खेल से मानसिक व शारीरिक विकास होता है. इस लिए पढ़ाई के साथ-साथ खेल भी जरूरी है. बेहतर खिलाड़ी बन राज्य व जिला का नाम कर सकते हैं रौशन : अमित बैडमिंटन संघ के सचिव अमित मोहन का ने कहा कि आधुनिक दौर में एक सफल खिलाड़ी बनकर अपना और अपने परिवार का नाम रोशन करते हुए राष्ट्र का मान सम्मान बढ़ा सकते हैं. खेल को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कई तरह के कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं. उन्होंने बच्चों को एक बेहतर खिलाड़ी बनने की नसीहत दी. कहा कि खेल के क्षेत्र में बेहतर कर राज्य व जिला का नाम रौशन कर सकते हैं. जरूरत है अनुशासन व धैर्य की. खेल के क्षेत्र में बनाया जा सकता है बेहतर कैरियर : उदय निदेशक डॉ. यूके कर्ण ने कहा कि विद्यालय की प्रतिबद्धता छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास के लिए है. उनकी आकांक्षा है कि विद्यालय के समस्त शिक्षार्थियों का शारीरिक मानसिक नैतिक एवं बौद्धिक विकास हो. कहा कि एक समय था जब गांव देहात में कहा जाता था कि पढ़ो गे लिखोगे बनोगे नबाव, खेलोगे कुदोगे बनोगे खराब. यह कहावत वर्तमान समय में गलत साबित हो रहा है. समय है अब खेल के क्षेत्र में भी बेहतर कैरियर बनाने की. इसके लिए निरंतर कार्य करने की.
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