तटबंध के भीतर बसे लोगों की बढ़ी समस्या दहशत में हैं प्रभावित क्षेत्र के लोग, फसलें डूबी
तटबंध के भीतर बसे लोगों की बढ़ी समस्या दहशत में हैं प्रभावित क्षेत्र के लोग, फसलें डूबी
सुपौल: विगत तीन दिनों से जारी भारी बारिश के बीच कोसी नदी के जलस्तर में उछाल दर्ज किया गया है. शुक्रवार की शाम 04 बजे वीरपुर बराज से कुल 01 लाख 80 हजार 20 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. वहीं नेपाल स्थित बराह क्षेत्र में नदी का डिस्चार्ज 01 लाख 10 हजार 200 क्यूसेक दर्ज किया गया. वीरपुर बराज से नदी के जलस्राव में और भी वृद्धि की संभावना जतायी गयी है. कोसी के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण दोनों तटबंधों के भीतर प्रभावित क्षेत्र में नदी का पानी फैलने लगा है. कई गांव बाढ़ की चपेट में है. वहीं लाखों की आबादी कोसी की तबाही की आशंका से भयभीत हैं. कोसी पीड़ित किसानों की फसल डूब रही है. वहीं गांवों में पानी घुसने के कारण लोग कई प्रकार की मुश्किलों का सामना कर रहे हैं. मुख्य समस्या नाव की है. अब तक सरकारी स्तर पर पर्याप्त संख्या में नाव की व्यवस्था नहीं की गयी है. जिले के सुपौल, किसनपुर, सरायगढ़, निर्मली, मरौना व बसंतपुर प्रखंड के दर्जनों प्रभावित पंचायत क्षेत्र में कोसी ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है.
अब तक सरकारी नाव की नहीं हुई व्यवस्था
सरायगढ़. कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने से प्रभावित क्षेत्र के लोगों की समस्या बढ़ गयी है. सरकारी स्तर से अब तक नाव की व्यवस्था नहीं किये जाने के कारण लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है. मवेशी चारा की समस्या भी हो गई है. तटबंध के अंदर लौकहा पलार, कवियाही, करहरी, तकिया, सियानी, ढोली, कटैया, भुलिया, औरही, सिहपुर, बलथरवा, बनैनियां, गौरीपट्टी आदि गांव के लोगों को हर साल बाढ़ का कहर झेलना पड़ता है. ग्रामीण मो कलीम, मो गफार सहित आदि ने बताया कि नदी में पानी बढ़ने के कारण घर-आंगन में दो तीन फीट पानी घुस चुका है. जिससे खाना बनाने, पानी पीने, मवेशी चारे सहित अन्य तरह की समस्याएं उत्पन्न हो गई है. गौरतलब है कि लोग निजी नाव के सहारे जरूरत के सामान ऊंचे स्थानों पर ले जाते हैं. जिस पर क्षमता से अधिक लोडिंग की जाती है. सरकारी नाव बहाल नहीं होने से प्रशासन के प्रति लोगों में आक्रोश है. अंचलाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि नाव की बहाली अभी नहीं हुई हैं. 01 जुलाई से नाव की बहाली की जायेगी.