सुपौल. बिहार में जब जन सुराज की व्यवस्था बनेगी तो एक घंटे में शराबबंदी कानून को खत्म कर दिया जायेगा. यह बातें जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कही. वह जिला मुख्यालय स्थित विलियम्स मैदान पर बुधवार को पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि शराब की दुकान बंद होने से अब घर-घर में शराब बिक रही है. जिसमें शराब माफिया द्वारा किशोर वर्ग को लगाया गया है. शराबबंदी कानून से हर साल बिहार को 20 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. यह पैसा भ्रष्ट अफसर, शराब माफिया और नेताओं के पास जा रहा है. वही लोग शराबबंदी को आगे बढ़ा रहा है. जन सुराज का बिल्कुल खुला मत है जो लोग कहते हैं कि महिला वोट नहीं देगी, उससे उनको कोई मलाल नहीं है. लेकिन शराबबंदी समाज के हित में नहीं है. जब से राज्य में शराबबंदी कानून लागू हुआ है, तब से साढे़ आठ लाख केस हुए हैं. छह लाख 36 हजार केस कोर्ट में चल रहा है. जबकि 01 लाख 25 हजार से अधिक लोग जेल में बंद है. ये गरीब, लाचार, वंचित व अतिपिछड़ा वर्ग के लोग हैं. जिसे पकड़ कर जेल में बंद कर दिया गया है. जितना बड़ा पैसा वाला आदमी है, वह खुलेआम शराब का कारोबार कर रहा है. उसे कोई रोकने वाला नहीं है. उन्होंने कहा कि शराबबंदी से भी ज्यादा खतरनाक कानून भूमि सर्वे का काम है. जितना बड़ा नुकसान शराबबंदी से नहीं हुआ, उसे अधिक नुकसान भूमि सर्वे के काम से होगा. कहा कि बिना किसी सर्वे व बिना किसी तैयारी का भूमि सर्वे का काम शुरू कर दिया है. लोग अपना काम छोड़ कर पूरे देश से आ गये हैं. लोग अपना जमीन का कागज निकालने और जमा करने में लगे हैं. लोगों ने बताया कि जो काम पहले 100 रुपये में होता था, अब उसका रेट बढ़ कर 05 से 10 हजार रुपये हो गया है. कहा कि लोगों ने बताया कि अब केवाला का नकल निकालने के लिये भी कम से कम एक से दो हजार रुपये तक घूस के तौर पर देना पड़ता है. कहा कि जहां कहीं भी भूमि सुधार कानून लागू किया गया है, वहां के सरकार ने व्यवस्थित ढंग से तीन से पांच साल में काम को पूरा किया है. जिसको भूमि सर्वे में लगाया गया है, उसे ना तो कोई ट्रेनिंग दी गयी है और ना ही उसे कोई जानकारी है. जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव की आभार यात्रा पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि तेजस्वी यादव को बिहार की जनता का आभार जरूर करना चाहिए. क्योंकि उनके परिवार ने बिहार को गरीब, निरक्षर बनाया. उसके बावजूद उनको और उनके परिवार को अभी तक लोगों ने बिहार से भगाया नहीं हैं. इसके लिए उन्हें जनता का आभार करना चाहिए. बिहार को जाति और धर्म में बांटने के बावजूद उनकी पार्टी का अस्तित्व बिहार में बना रखा है. उसके लिए उन्हें जनता का आभार जरूर करना चाहिए. बिहार को भू-माफिया, शराब माफिया, रंगदारी के हवाले कर दिया फिर भी जनता ने उन्हें अपना नेता बनाया हुआ है. इसके लिए उन्हें जनता का आभार जरूर करना चाहिए. बिहार के शिक्षित लोग मजदूरी कर रहे हैं और अनपढ़ व्यक्ति नेता बनकर अपने रथ पर घूम रहे हैं. उसके लिए उन्हें बिहार की जनता को आभार व्यक्त जरूर करना चाहिए.
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