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मतदाताओं ने जताया भरोसा, मिथ्या तोड़ने में सफल रहे जदयू के दिलेश्वर

जदयू के दिलेश्वर कामैत सुपौल लोकसभा क्षेत्र से दूसरी बार सांसद के रूप में निर्वाचित हुए हैं

– जदयू के दिलेश्वर कामैत ने राजद के चंद्रहास चौपाल को 01 लाख 69 हजार 800 मतों से किया पराजितसुपौल. जदयू के दिलेश्वर कामैत सुपौल लोकसभा क्षेत्र से दूसरी बार सांसद के रूप में निर्वाचित हुए हैं. एनडीए प्रत्याशी श्री कामैत ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी राजद के चंद्रहास चौपाल को 01 लाख 69 हजार 800 मतों से पराजित किया. जदयू प्रत्याशी को 05 लाख 95 हजार 35 मत प्राप्त हुए. जबकि राजद के प्रत्याशी को 04 लाख 25 हजार 235 मत हासिल हुआ. तीसरे नंबर पर निर्दलीय प्रत्याशी बैद्यनाथ मेहता को 51 हजार 527 मत मिले. श्री कामैत की जीत की घोषणा होते ही उनके समर्थक एवं एनडीए कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गयी. लोगों ने एक-दूसरे को अबीर-गुलाल लगा कर जीत की बधाई दी. वहीं कई जगह खुशी के इस क्षण में मिठाई भी बांटी गयी. कार्यकर्ताओं ने एनडीए की इस बड़ी जीत पर हर्ष का इजहार किया. गौरतलब है कि सुपौल लोकसभा क्षेत्र वर्ष 2008 में वजूद में आया था. वर्ष 2009 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में जदयू के विश्वमोहन कुमार विजयी रहे थे. उन्होंने तब कांग्रेस की रंजीत रंजन को 01 लाख 66 हजार 77 मतों से पराजित किया था. वहीं वर्ष 2014 में कांग्रेस प्रत्याशी रंजीत रंजन ने जदयू प्रत्याशी लगभग 60 हजार मतों से पराजित किया था. इसके बाद वर्ष 2019 में जदयू के दिलेश्वर कामैत ने कांग्रेस प्रत्याशी रंजीत रंजन को लगभग ढ़ाई लाख वोट से पराजित कर जीत हासिल की थी.

करीब 09 घंटों तक चली मतगणना

स्थानीय बीएसएस कॉलेज स्थित मतगणना केंद्र पर मंगलवार को मतगणना का कार्य सुबह 08 बजे प्रारंभ किया गया. जो शाम करीब 07 बजे तक संपन्न हुआ. मतगणना को लेकर केंद्र पर अलग-अलग छह हॉलों में मतगणना की व्यवस्था की गयी थी. जहां इस लोकसभा क्षेत्र के सुपौल, पिपरा, त्रिवेणीगंज, छातापुर, निर्मली एवं सिंहेश्वर विधानसभा क्षेत्र की अलग-अलग हॉलों में मतगणना की जा रही थी. सभी मतगणना हॉल में 14-14 मतगणना टेबुल लगाए गये थे. इसके अलावा एआरओ का एक टेबुल भी लगा था. जिला निर्वाचन पदाधिकारी कौशल कुमार के अलावा अन्य अधिकारी मतगणना कार्य पर बारीकी से नजर रख रहे थे. आरओ कंट्रोल रूम में सभी विधानसभावार गणना के हर राउंड की रिपोर्ट मिलने के बाद उसकी कंपाइलिंग की जाती थी. जिसके बाद राउंडवार परिणाम की घोषणा जिला निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा की जा रही थी. इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक शैशव यादव, डीडीसी सुधीर कुमार, एडीएम राशीद कलीम अंसारी सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे. मतगणना केंद्र के अंदर बांस-बल्ले से बैरिकेटिंग की गयी थी. वहीं सुरक्षा का भी पुख्ता प्रबंध किया गया था. मतगणना केंद्र के मुख्य द्वार पर मेटल डिटेक्टर लगा कर पुलिस कर्मियों द्वारा हर आने-जाने वालों की तलाशी ली जा रही थी. केंद्र पर महिला पुलिस की भी बड़ी संख्या में तैनाती की गयी थी. इसके अलावा इवीएम व अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर पारा मिलेट्री के जवान तैनात थे.

हर राउंड के साथ बढ़ता गया जीत का आंकड़ा

मतगणना प्रारंभ होने के बाद करीब 24 राउंड में मतगणना का कार्य संपन्न किया गया. हालांकि जदयू के दिलेश्वर कामैत प्रथम राउंड से ही आगे रहे. जिसके बाद हर राउंड खत्म होने पर उनके बढ़त का सिलसिला जारी रहा. किसी भी राउंड में राजद प्रत्याशी आगे नहीं आ सके.

टूट गया मिथ्या

जदयू सांसद दिलेश्वर कामैत सुपौल लोकसभा चुनाव में मिथ्या तोड़ने में कामयाब हुए. वर्ष 2009 में स्वतंत्र रूप से लोकसभा क्षेत्र बनने के बाद इस लोकसभा क्षेत्र से लगातार कोई भी प्रत्याशी दूसरी बार जीतने में कामयाब नहीं हुए. लेकिन जदयू के दिलहेश्वर कामैत ने इस मिथ्या को तोड़ डाला और सुपौल लोकसभा क्षेत्र से लगातार दूसरी बार सांसद बनने का गौरव प्राप्त किया.

वर्ष 2019 से 446 मत मिले कम

जदयू प्रत्याशी दिलेश्वर कामैत को वर्ष 2019 में मिले मत से 446 मत कम मिला. वर्ष 2019 में दिलेश्वर कामैत को 05 लाख 95 हजार 481 मत प्राप्त हुआ था. जबकि इस बार 05 लाख 95 हजार 35 मत मिले. इस प्रकार दिलेश्वर कामैत को पिछले बार से 446 मत कम मिले.

लोकसभा क्षेत्र का सर्वांगीण विकास उनकी पहली प्राथमिकता

सुपौल.

मंगलवार की संध्या जीत का प्रमाण पत्र लेने पहुंचे दिलेश्वर कामैत ने कहा कि यह जीत सुपौल की जनता, ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, कार्यकर्ता व एनडीए की जीत है. कहा कि एनडीए का 400 पार का लक्ष्य पूरा नहीं हुआ है. लेकिन एनडीए की मजबूत सरकार बनेगी. कहा कि जीत में प्रथम व द्वितीय नहीं होता है. चुनाव में जीत और हार का महत्व होता है. उन्होंने कहा कि बिहार में जेडीयू और बीजेपी को सीटों का नुकसान जरूर हुआ है. लेकिन जनता का निर्णय सर्वमान्य है. कहा कि लोकसभा क्षेत्र का सर्वांगीण विकास करना उनका पहला लक्ष्य है. 2019 में रेलवे उनका पहली प्राथमिकता थी. जिसको पूरा किया. 84 वर्ष बाद कोसी नदी पर रेल पुल पर ट्रेनों का परिचालन करवाया. इसके साथ ही सुपौल-अररिया-गलगलिया नई रेल लाइन निर्माण शुरू करवाया. अब उनका एक ही लक्ष्य है सुपौल से लंबी दूरी का ट्रेन परिचालन करवाना. कहा कि इसके लिए वह पहले ही प्रपोजल दे चुके हैं. इस बार उन्हें इसमें सफलता मिलेगी. पहले सुपौल से नई दिल्ली के ट्रेन चलाने की कोशिश करेंगे.

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