बिहार में मानसून का इंतजार अभी जारी है. प्रदेश के लोग प्रचंड गर्मी की मार झेल रहे हैं. कई जिलों में मौसम के तेवर हल्के नरम हुए हैं लेकिन अधिकतर जगहों पर गर्मी अपने चरम पर हैं. इधर, बारिश के इंतजार के साथ-साथ बाढ़ को लेकर भी लोग अलर्ट मोड पर हैं. हर साल की तरह इस बार भी बाढ़ जब दस्तक देगी तो लोगों का जनजीवन प्रभावित होगा. वहीं मानसून की बारिश पड़ने से पहले ही कोसी नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. कोसी बराज के 16 फाटक खोले जा चुके हैं.
नेपाल की बारिश ने कोसी को उफनाया
नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश का दौर जारी है. जिससे जल अधिग्रहण बराह क्षेत्र में जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है और कोसी नदी के जलस्तर में इस साल का सर्वाधिक जलस्तर बढ़ा है. रविवार की शाम छह बजे कोसी नदी के कोसी बराज स्थित कंट्रोल रूम से मिली जानकारी अनुसार नदी का जलस्तर 94 हजार 255 क्यूसेक स्थिर अवस्था में दर्ज किया गया. वहीं कोसी बराज के 56 में से 16 फटाक को खोल दिया गया है. रविवार को भी नदी में बालू की अधिक मात्रा को देखते हुए फ्लेसिंग किया गया. जिससे पूर्वी और पश्चिमी दोनों हीं मुख्य नहर में सिंचाई के लिए पानी नहीं छोड़ा जा सका है.
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तटबंधों पर चौकसी बढ़ायी गयी
नदी के तटबंधों पर अभीतक कोई खतरा नहीं दिखा है. लेकिन इसपर अब निगरानी कड़ी कर दी गयी है. कौशिकी भवन स्थित मुख्य अभियंता के बाढ़ नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार नदी के दोनों ही तटबंध अपने सभी स्टर्ड व स्परों अपने अवयवों के साथ सुरक्षित है. तटबंध पर सतत निगरानी और चौकसी जारी है.
कोसी बराज के सभी फाटक पिछले साल खोले गए
बता दें कि कोसी बराज के कुल 56 फाटक हैं. पिछले साल बाढ़ की स्थिति इस कदर थी कि कोसी नदी उफान मार रही थी. दशकों बाद पहली बार ऐसा हुआ था कि चार लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ना पड़ा था. अचानक ही नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया था और सभी 56 के 56 फाटक खोलने पड़ गये थे. बराज के दोनों तरफ लाल झंडे लगा दिए गए थे. लाल बत्ती जलाकर खतरे का संकेत दिया गया था. तटबंध के अंदर बसे लोगों को बाहर आ जाने की अपील करनी पड़ गयी थी.