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कोसी बराज का जलस्तर बढ़ा, पूर्वी तटबंध के छह स्परों पर दबाव

कोसी नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण रविवार को कोसी बराज के सभी 56 फाटकों को खोलना पड़ा

By Prabhat Khabar News Desk | July 7, 2024 6:19 PM

वीरपुर. कोसी नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण रविवार को कोसी बराज के सभी 56 फाटकों को खोलना पड़ा. कोसी बराज स्थित कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार रविवार शाम 04 बजे कोसी नदी का जलस्तर 03 लाख 93 हजार 715 क्यूसेक दर्ज किया गया, जिससे सभी फाटकों को खोलना आवश्यक हो गया. कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण बराह क्षेत्र में जलस्तर 01 लाख 72 हजार क्यूसेक घटने के क्रम में है. यह संभावना जताई जा रही है कि नदी का जलस्तर अब और कम हो सकता है. नेपाल में भारी बारिश का अलर्ट जारी होने के कारण कोसी की सहायक नदियों का जलस्तर भी बढ़ा हुआ है, जिससे कोसी नदी के जलस्तर में यह वृद्धि देखी गई है. बढ़ते जलस्तर के कारण नदी के पूर्वी तटबंध के छह स्परों पर दबाव बना हुआ है. जिनमें 10.00 किमी, 16.30 किमी, 16.98 किमी, 22.40 किमी, 23.32 किमी स्पर शामिल हैं. इन स्थानों पर बांस की बाड़ लगाकर और रीप्लेनिश कार्य कराकर तटबंध को सुरक्षित किया जा रहा है. सहरसा जिला के कोपरिया प्रमंडल में 117.15 किमी स्पर के डी पॉर्शन के यूएस पर भी नदी का तेज बहाव दर्ज किया गया है. मधेपुरा जिले के चौसा प्रखंड के अमनी टोला के पास ग्राम सुरक्षा कार्य के अपस्ट्रीम में कोसी नदी के दबाव के कारण लगभग 100 मीटर तक क्षरण हो गया है, जिसे मरम्मत कराकर सुरक्षित किया जा रहा है. पिछले 24 घंटों से कोसी नदी का जलस्तर 2.5 लाख क्यूसेक से अधिक रहा है. जिसका प्रभाव मधेपुरा, सहरसा, खगड़िया, मधुबनी, दरभंगा समेत अन्य जिलों पर पड़ा है. वर्ष 1989 के बाद पिछली बार 14 अगस्त 2023 को नदी का जलस्तर 4.62 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया था, उस वक्त भी सभी 56 फाटक खोले गए थे.

तटबंधों पर की जा रही निगरानी : चीफ इंजीनियर

चीफ इंजीनियर वरुण कुमार ने बताया कि नेपाल में बारिश के कारण जलस्तर में वृद्धि हुई थी, जो अब धीरे-धीरे घटने लगी है. उन्होंने कहा कि सभी अभियंता कोसी बराज और तटबंधों पर निगरानी कर रहे हैं और विभाग किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तत्पर है. वर्तमान में जिन बिंदुओं पर दबाव बना हुआ है, वहां अभियंता सक्रिय हैं और आवश्यक कदम उठा रहे हैं. कोसी नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रभावित क्षेत्रों में सावधानी बरतने और आवश्यक तैयारी करने की सलाह दी गयी है.

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