Loading election data...

कोसी नदी के जल स्तर आयी कमी, से तटबंध के भीतर बसे लोग व पशुपालकों ने ली राहत की सांस

नदी के प्रवाह में बालू की अधिक मात्रा होने से शुक्रवार को भी फ्लेसिंग का कार्य जारी रहा

By Prabhat Khabar News Desk | June 24, 2024 9:46 PM

किशनपुर. कोसी नदी के जलस्तर में आयी कमी से लोगों ने राहत की सांस ली. पूर्वी कोसी तटबंध के भीतर कोसी नदी के जलस्तर में जिस प्रकार बढ़ोतरी हुई थी. ठीक उसी अनुपात में कमी भी हुई है. शुक्रवार की शाम से ही कोसी नदी में जलस्तर में भारी कमी देखी गई. नदी के प्रवाह में बालू की अधिक मात्रा होने से शुक्रवार को भी फ्लेसिंग का कार्य जारी रहा. जिस कारण सिंचाई के लिए पूर्वी और पश्चिमी दोनों ही मुख्य नहरों में पानी छोड़ा गया है. कोसी नदी में जलस्तर घटने के बाद एक बार फिर अभियंता और तटबंध के बीच बसने वाले लोगों ने राहत की सांस ली है. नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के बाद विभागीय जेई, सहायक अभियंता, कार्यपालक अभियंता समेत सभी विभागीय वरीय पदाधिकारियों का कोसी बराज पर जमावड़ा बना हुआ था. फिलहाल कोसी नदी के जलस्तर में हुई व्यापक कमी ने आम जनमानस को भी राहत दिया है. वहीं पशुपालकों ने राहत के सांस लिया है, जहां उन्हें कोसी नदी में जलस्तर बढ़ने के बाद खासकर पशुचारा की समस्या गंभीर हो जाती है. किसानों के खेत में फैले पानी निकलने के बाद किसान भी अब अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं. इसके अलावे नदी के दोनों ही तटबंध के स्टर्ड व स्पर अपने सभी अवयवों के साथ सुरक्षित बताये जा रहे है. तटबंध पर सतत निगरानी और चौकसी जारी है. कोसी नदी में जब तक अधिक जलप्रवाह नहीं हुई थी, तब तक ये बताना बड़ा ही मुश्किल था कि नदी का प्रवाह पूरब की तरफ है या फिर पश्चिम की ओर. लेकिन गुरुवार की रात इस साल के सर्वाधिक जलस्तर से विभागीय सूत्र बताते हैं कि नदी का बहाव पूरब की तरफ है. यानी कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि नदी के डिस्चार्ज में बढ़ोतरी होने पर पूर्वी कोसी तटबंध अधिक प्रभावित होगी. उधर मौजहा पंचायत के मुखिया अमर कुमार चौधरी ने बताया कि बाढ़ सुरक्षा कार्य में तेजी लाने को लेकर वे डीएम को आवेदन देकर सुचारू रूप से कार्य करने की गुहार लगाया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version