सुपौल. कोसी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि के कारण तटबंध के अंदर बसे लोगों की चिंता बढ़ने लगी है. मानसून सत्र शुरू होते ही तटबंध के अंदर बसे लोगों की रूह कांपने लगती है. उन्हें यह भय सताने लगता है कि बाढ़ व कटाव में कैसे बचे. नेपाल के तराई एवं पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई है. नदी में पानी बढ़ते देख लोग नाव की व्यवस्था करने लगे हैं. कोसी तटबंध के अंदर बसे घूरन पंचायत के मो परवेज ने कहा कि उजड़ना व बसना तो हम कोसी वासियों की नियति बन गयी है. कभी बाढ़ तो कभी कटाव हमारी खुशहाली पर ऐसा कहर बरपता है कि हम चाहकर भी नहीं कुछ कर पाते हैं. कोसी नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव प्रारंभ होने से तटबंध के भीतर के दर्जनों गांव के लोग सरकारी स्तर पर नाव बहाल की मांग करने लगे हैं. लोगों के खेतों में भी पानी फैलने लगा है. जिस कारण उनके समक्ष पशुचारा की समस्या उत्पन्न होने वाली है. लोगों को खेतों तक आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर के लोगों का कहना है कि सरकारी स्तर पर नाव बहाल नहीं होने के कारण लोगों को प्राइवेट नाव के सहारे आवागमन करने की मजबूरी बनी हुई है. लोगों को तटबंध के भीतर खेतीबाड़ी करने के लिए नाव ही एकमात्र सहारा है.
कोसी नदी का जलस्तर इस साल के सर्वाधिक स्तर पर, रिकॉर्ड किया गया 121970 क्यूसेक पानी
वीरपुर. नेपाल के पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में लगातार हुई मूसलाधार बारिश से कोसी नदी के जलस्तर में भारी बढ़ोतरी हुई है. बुधवार शाम 06 बजे कोसी बराज स्थित कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार, कोसी नदी का जलस्तर इस साल के सर्वाधिक स्तर 01 लाख 21 हजार 970 क्यूसेक पर पहुंच गया. जलप्रवाह को नियंत्रित करने के लिए कोसी बराज के 56 में से 18 फाटक खोल दिए गए हैं. साथ ही, फ्लेसिंग रोकते हुए पूर्वी कोसी मुख्य नहर में 05 हजार और पश्चिमी कोसी मुख्य नहर में भी 05 हजार क्यूसेक पानी सिंचाई के लिए छोड़ा गया है. बराह क्षेत्र में शाम 06 बजे जलस्तर 92 हजार 750 क्यूसेक दर्ज किया गया. जो आगे और बढ़ने का संकेत है. बुधवार सुबह 06 बजे जलस्तर 78 हजार 75 क्यूसेक था और उस समय कोसी बराज के 11 फाटक खोले गए थे. बराह क्षेत्र में जलस्तर में बढ़ोतरी की जानकारी सुबह से ही संकेत दे रही थी कि जलस्तर में व्यापक बढ़ोतरी होगी. दिन के बढ़ते साथ जलस्तर लगातार बढ़ता गया और शाम 06 बजे तक 01 हजार 21 हजार 970 क्यूसेक पर पहुंच गया. मुख्यालय के कौशिकी भवन स्थित मुख्य अभियंता के बाढ़ नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार, कोसी नदी के दोनों तटबंध सुरक्षित हैं और उनके संवेदनशील व अतिसंवेदनशील स्परों पर अभियंताओं की सतत निगरानी जारी है.
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