जनमानस के पटल पर आज भी जीवित हैं ललित बाबू : मंत्री
मंचासीन सभी अधिकारियों को ललित बाबू के ज्येष्ठ पुत्र संजय मिश्रा द्वारा मिथिला पाग, शॉल व गुलदस्ता देकर सम्मानित किया गया
– राजकीय सम्मान के साथ मनायी गयी ललित बाबू की 51वीं पुण्यतिथि
– मंत्री, सांसद, डीएम, एसपी सहित जनप्रतिनिधियों ने प्रतिमा पर अर्पित किया श्रद्धा सुमनबलुआ बाजार. भारत सरकार के भूतपूर्व रेलमंत्री व मिथिला विभूति स्व ललित नारायण मिश्र की 51वीं पुण्यतिथि शुक्रवार को उनके पैतृक आवास बलुआ बाजार स्थित ललितेश्वर नाथ शिव मंदिर समाधि स्थल पर राजकीय सम्मान के साथ मनायी गयी. पूर्व रेलमंत्री स्व ललित बाबू के सम्मान में पुलिस बल के जवानों ने कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पीएचईडी मंत्री नीरज कुमार सिंह बबलू को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इसके बाद पंडित आचार्य धर्मेंद्रनाथ मिश्रा ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मंत्री नीरज कुमार सिंह, सांसद दिलेश्वर कामैत, डीएम कौशल कुमार व एसपी शैशव यादव का ललितेश्वरनाथ शिव मंदिर में जलाभिषेक व पूजा अर्चना कराया. मंत्री, सांसद, डीएम व एसपी ने समाधि स्थल परिसर स्थित ललित बाबू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. मंचासीन सभी अधिकारियों को ललित बाबू के ज्येष्ठ पुत्र संजय मिश्रा द्वारा मिथिला पाग, शॉल व गुलदस्ता देकर सम्मानित किया गया.
समारोह को संबोधित करते हुए नीरज कुमार सिंह बबलू ने कहा कि मंत्री नीरज कुमार सिंह ने कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में ललित नारायण मिश्र की हत्या हुई, लेकिन न तो उनकी हत्या का खुलासा हुआ और न ही जांच पूरी हो सकी. उन्होंने पूर्व रेल मंत्री के शब्दों का उल्लेख करते हुए कहा कि हत्या से पहले ललित बाबू ने कहा था कि मैं रहूं या न रहूं, बिहार बढ़कर रहेगा. 03 जनवरी 1975 को समस्तीपुर रेलवे स्टेशन पर एक कार्यक्रम के दौरान बम धमाके में पूर्व रेल मंत्री की हत्या कर दी गई थी. उनकी हत्या भारतीय राजनीति में एक गहरा धक्का माना जाता है. आज भी यह मामला सवालों के घेरे में है. उनकी पुण्यतिथि को हर साल बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है. उन्होंने भारत के विदेश राज्यमंत्री, रक्षा मंत्री और रेल मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों को सुशोभित किया. राजकीय सम्मान और जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति ने इस बात को साबित किया कि ललित नारायण मिश्र का योगदान आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है. बलुआ को प्रखंड बनाने का मांग किया जा रहा है. आश्वासन देता हूं कि अगले पुण्यतिथि तक जब भी प्रखंड का नाम आएगा पहले नाम बलुआ को ही प्रखंड बनाया जाएगा. यह ललित नारायण मिश्र का भी सपना था. उनके ही वंश के नीतीश मिश्रा भीमंत्री हैं. हम दोनों भाई मिलकर उत्तर बिहार की दिशा और दशा को बदलेंगे
सांसद दिलेश्वर कामैत ने श्रद्धा सुमन अर्पित किया. कहा कि उनका जीवन कर्म प्रेरणा का स्रोत है. वह महान व्यक्ति थे. उन्हें कोई भूल नहीं सकता. इस समय उनके सपना को पूरा करना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित होगी. जब वह विदेश मंत्री थे तो उन्होंने बिहार में कोसी क्षेत्र में नहर निर्माण के लिए बिहार और नेपाल के बीच बराज बनाने का कार्य किया. जब वह रेल मंत्री बने तो उन्होंने झंझारपुर से रोहतास और सरायगढ़ से फारबिसगंज रेल लाइन तथा इसी प्रकार 30 से 35 स्वीकृति रेल लाइन के लिए दी और उनका निर्माण करवाया. उनकी इन कार्यशीलता हम सबके लिए गौरव की बात है. जब प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू थे. तब उन्होंने साहित्य अकादमी में मैथिली को भी स्थान दिलवाया. मिथिला की पहचान को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने विदेश में भी उनके कार्य को आगे बढ़ाया तथा लखनऊ से असम और मुजफ्फरपुर से दरभंगा होते हुए फारबिसगंज रोड की स्वीकृति देने का कार्य किया. 1972 में विधानसभा में आए और बिहार के विकास के कार्य को बढ़ाया जो हम भूल नहीं सकते हैं. उनके नाम पर ही ललित ग्राम स्टेशन है.डीएम कौशल कुमार ने कहा कि प्रत्येक वर्ष 03 जनवरी को राजकीय बलिदान दिवस के रूप में में स्व ललित नारायण मिश्र के पुण्यतिथि को मनाया जाता है. राज्य सरकार की ओर से उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं. ललित बाबू का जन्म बसंतपुर प्रखंड के बसवानपट्टी में हुआ था. ललित नारायण मिश्र 1964 से 1972 तक लोकसभा व राज्यसभा के सदस्य रहे. 1964 में उप गृह मंत्री के रूप में तथा 1966 से 67 में उप वित्तमंत्री के रूप में व 1976 तक मंत्रालय में रहे. सन 1970–73 तक केंद्रीय व्यापार मंत्री. 05 फरवरी 1973 से 3 जनवरी 1975 तक सफलता पूर्वक अपने दायित्वों को निर्वहन किया. उन्होंने ज्ञान को बढ़ाने का पूरा प्रयास किया. उन्होंने बाढ़ नियंत्रण करने के लिए किसी क्षेत्र के लिए योजनाएं बनाएं और विदेश से उसकी जानकारी लेकर बिहार और नेपाल के बीच नहर का निर्माण करवाया. रेल के विकास में उनका कार्य सराहनीय है. जो हम देख रहे हैं.
ललित बाबू थे शिक्षाविद – एसपी
एसपी शैशव यादव ने कहा कि स्व ललित नारायण मिश्र विकास पुरुष के रूप में जाने जाते हैं. उनके कार्य को याद करते हैं. ललित बाबू एक शिक्षाविद भी थे. उनके पुण्यतिथि पर आज हम उपस्थित हैं उनके द्वारा ही विकास के मार्ग को आगे बढ़ाया गया. बिहार में वह महान शिक्षण सन 1948 में उन्होंने अर्थशास्त्र से किया था और उसके बाद राजनीतिक जीवन में आ गए. नेताओं के साथ काम किया बिहार नेपाल और विदेशों में भी उन्होंने राजनीतिक रूप से कार्य किया. बिहार और नेपाल के बीच नहर निर्माण का कार्य किया. कोसी के क्षेत्र में उन्होंने अपना पूर्ण योगदान दिया. मिथिलांचल के नाम को आगे बढ़ाया. रेल मार्ग में झंझारपुर से रोहतास और भपटियाही से फारबिसगंज रेल मार्ग की विकास जो की ज्वलंत उदाहरण है.
सुरक्षा के थे पुख्ता इंतजाम
पुण्यतिथि कार्यक्रम में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुख्ता प्रबंध किये गए थे. शुक्रवार की सुबह से ही बलुआ में चप्पे चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती कर दी गई थी. त्रिवेणीगंज एसडीएम शम्भूनाथ, त्रिवेणीगंज एसडीपीओ बिपिन कुमार, वीरपुर एसडीपीओ, सीओ दल बल के साथ पूरी तैयारी का जायजा लेते दिखे. समारोह की अध्यक्षता पूर्व मुखिया जयकृष्ण गुरुमेता ने की. मंच संचालन एडीएम राशिद कलीम अंसारी ने किया. जबकि धन्यवाद ज्ञापन सुमित मिश्रा ने किया.
बलुआ को प्रखंड बनाने की उठी मांग
कार्यक्रम के दौरान बलुआ पैक्स अध्यक्ष प्रभात मिश्र व ललित बाबू के पौत्र सुमित मिश्रा ने बलुआ को प्रखंड बनाने की मांग की. प्रभात मिश्र ने सुपौल मंत्री, डीएम व एसपी से बलुआ को प्रखंड बनाने का अनुरोध किया. कहा कि यहां के लोगों को 30 किमी की दूरी को तय कर छातापुर जाना पड़ता है. बलुआ को प्रखंड बनना ललित बाबू का सपना था. बलुआ को प्रखंड बनने से ललित बाबू का यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी. हालांकि बलुआ प्रखंड बनाने की मांग को मंत्री व सांसद ने समर्थन दिया.ललितग्राम स्टेशन पर ललित बाबू के मूर्ति लगाने की रखी मांग
वक्ताओं ने सांसद दिलेश्वर कामैत से ललितग्राम स्टेशन पर ललित बाबू के प्रतिमा लगाने की मांग की. वक्ताओं ललितग्राम स्टेशन तक लंबी ट्रेन के ठहराव का भी मांग वर्तमान सांसद दिलेश्वर कामैत से की. जिसका समर्थन करते हुए सांसद ने लोगों आश्वस्त करते हुए कहा कि जल्द ही इस मुद्दे पर हम केंद्र सरकार को ज्ञापन देंगे.
पंद्रह दिव्यांगों को मिला ट्राई साइकिल
ललित बाबू के 51 वीं पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम पर पंद्रह दिव्यांगों को ट्राई साइकिल वितरण किया. कार्यक्रम समापन के बाद मंत्री नीरज सिंह बबलू, संसद दिलेश्वर कामैत, डीएम कौशल कुमार, एसपी शैशव यादव आदि ने सभी दिव्यांग को मोटराईज ट्राई साइकिल का चाभी देकर और हरी झंडी दिखा कर रवाना किया गया.कार्यक्रम में ये रहे मौजूद
कार्यक्रम के दौरान वीरपुर एसडीएम नीरज कुमार, त्रिवेणीगंज एसडीएम शंभूनाथ,बीरपुर एसडीपीओ सुरेंद्र कुमार,त्रिवेणीगंज एसडीपीओ बिपिन कुमार, नगर परिषद सुपौल के मुख्य पार्षद राघवेंद्र झा राघव, पूर्व विधायक उदय गोयत, पूर्व विधायक महेंद्र नारायण सरदार, पनोरमा ग्रुप के सीएमडी संजीव मिश्रा, बीडीओ डॉ राकेश कुमार गुप्ता, बीडीओ सुजीत मिश्रा, सीओ राकेश कुमार, मनरेगा पीओ कौशल कुमार राय, रंजीत सिंह, इंस्पेक्टर संजय कुमार, इंस्पेक्टर श्वेता कुमारी, पूनम कुमारी, शालिग्राम पांडेय, क्रांति झा, मनोज राय, रमैया झा, रंजीत मिश्रा, मुन्ना साह, नारायण झा, संजय मिश्र, सुमित मिश्रा, अजय मिश्र रिंकू, नवीन मिश्रा, मौसम खेड़वाड़, केशव गुड्डू आदि मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है