स्पेशल सर्वे का मुख्य उद्देश्य भूमि विवाद को करना है समाप्त : मदन सहनी

भूमि सर्वे कर भू-अभिलेखों को सुगम व पारदर्शी तरीके से आमजनों को मुहैया कराने का काम बिहार सरकार की उच्च प्राथमिकता में शामिल है

By Prabhat Khabar Print | July 3, 2024 6:50 PM

सुपौल. भूमि सर्वे कर भू-अभिलेखों को सुगम व पारदर्शी तरीके से आमजनों को मुहैया कराने का काम बिहार सरकार की उच्च प्राथमिकता में शामिल है. उक्त बातें बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग मंत्री सह जिले के प्रभारी मंत्री मदन सहनी ने बुधवार को जिला अतिथि गृह में मीडिया को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने कहा कि विशेष सर्वेक्षण अधिनियम 2011 एवं नियमावली 2012 बना कर सरकार ने 2020 तक राज्य के 20 जिलों में स्पेशल सर्वे का कार्य प्रारंभ किया. जिसमें सुपौल भी शामिल है. प्रथम फेज में सुपौल जिला के 05 अंचलों में 252 राजस्व ग्रामों को सर्वे में शामिल किया गया है. अभी तक 161 गांवों में खानापूरी पूर्ण हो चुकी है. वहीं 140 में खानापूरी पर्चा वितरण किया जा चुका है. साथ ही 126 ग्रामों में खतियान का प्रारूप प्रकाशन हो चुका है एवं 44 ग्रामों में अंतिम प्रकाशन की प्रक्रिया की जा रही है. शेष बचे 06 अंचल जिसमें किशनपुर, सरायगढ़-भपटियाही, निर्मली, मरौना, राघोपुर व बसंतपुर में अब सर्वे का काम शुरू किया जायेगा. बिहार के सभी 38 जिलों में सर्वे के काम के लिए 10 हजार सर्वे कर्मियों की नियुक्ति का निर्णय लिया गया है. इसके तहत सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, कानूनगो, अमीन एवं लिपिक के पदों पर नियुक्त की कार्यवाही की गयी है. सुपौल जिला में पूर्व से 90 सर्वेक्षण कर्मी विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं. सुपौल जिला में कुल 549 राजस्व ग्राम है, जिसमें से 252 ग्रामों में पूर्व से स्पेशल सर्वे का काम चल रहा है. शेष 297 राजस्व ग्रामों में नियमित स्पेशल सर्वे का काम प्रारंभ हो जायेगा. स्पेशल सर्वे का मुख्य उद्देश्य भूमि विवाद को समाप्त करना है. इसके साथ ही जमीन से संबंधित सभी प्रकार के अभिलेखों का ऑनलाइन माध्यम से ससमय जनता को उपलब्ध कराना है. कहा कि सर्वे के तीन मुख्य चरण खानापूरी, पर्चा, प्रारूप प्रकाशन और अंतिम प्रकाशन के बाद ही यदि कोई गलती पायी जाती है तो उन्हें दावा-आपत्ति करने का अवसर दिया जायेगा. इस प्रकार बिना किसी त्रुटि के स्पेशल सर्वे का कार्य पूर्ण कर सकेंगे. इस अवसर पर पिपरा विधायक रामविलास कामत, जदयू जिलाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद यादव, चंद्रभूषण मंडल, रमेश मुखिया, फेकनारायण मंडल, गिरी प्रसाद भगत, मुन्ना साह, अमरेंद्र मुखिया, चुनचुन सिंह, उद्यानंद विश्वास, उपेंद्र मंडल सहित अन्य मौजूद थे.

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