आदर्श समाज निर्माण के उद्देश्य से चौघारा में लोक देवता महोत्सव का हुआ आगाज
मानवता ही सबसे बड़ा धर्म : डॉ अमन
मानवता ही सबसे बड़ा धर्म : डॉ अमन सुपौल. सदर प्रखंड के चौघारा में गुरुवार को स्वच्छ, सुंदर, खुशहाल, शिक्षित, विकसित और आदर्श समाज निर्माण के उद्देश्य से 12 दिवसीय लोक देवता महोत्सव 2024 का आयोजन किया गया. जिसका आगाज लोरिक विचार मंच के प्रदेश संयोजक डॉ अमन कुमार, मुख्य संत नरेश दास, संत छूतहरु दास, भगवानदत्त यादव, हरदी पुलिस कैंप प्रभारी रमेश यादव, कृष्ण कुमार आदि के द्वारा धर्म ध्वज फहराते हुए दीप प्रज्वलित कर किया गया. राजदीप यादव की अध्यक्षता में आयोजित लोक देवता महोत्सव को संबोधित करते प्रदेश संयोजक डॉ कुमार ने कहा कि धर्म आपसी सद्भाव एवं एकता का प्रतीक है. धर्म बेहतर जीवन जीने की कला सिखाती है. सभी धर्मों के धार्मिक स्थल एक समान है. जिसका सम्मान सभी को करना चाहिए. क्योंकि सभी धार्मिक स्थल ईश्वर के प्रतीक है. मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है. हिंदू धर्म से ज्ञान, मुस्लिम धर्म से शक्ति, ईसाई धर्म से प्रेम, बुद्ध धर्म से शांति, जैन धर्म से अहिंसा और सिक्ख धर्म से आनंद व पवित्रता को अपनाने की आवश्यकता है. सभी को मिलाकर ही भारत दुनिया के समक्ष विश्वगुरू बन सकता है. डॉ कुमार ने कहा कि लोक शब्द एक छोटी भाव भूमि का नाम है, जिसका नाम तो छोटा है. लेकिन इस छोटे से नाम में एक विशाल संसार का समावेश है. एक ऐसा संसार, जो जगत में खिलने वाले फूलों की तरह सुन्दर, सहज, सरल तथा स्वभाविक है. समाज में लोक देवी देवता लोगों के मन में बहुत गहरे रूप से स्थापित है. जिसे समाज के सभी वर्ग पूरी आस्था और विश्वास के साथ करते हैं. मुख्य संत नरेश दास, किसान गौरव सम्मान से सम्मानित भगवान दत्त यादव, कृष्ण कुमार व गणेश यादव ने कहा कि संपूर्ण मानव समूह दो श्रेणी आस्तिक और नास्तिक में बंटा हुआ है. नास्तिक का सीधी बात ईश्वर नहीं है. वहीं आस्तिक का विश्वास, आस्था, अवधारणा एवं अनूभूतियां एक दूसरे से भिन्न है. इसीलिए देवी देवता, ईश्वर, भगवान एक होते हुए भी भिन्न हैं. यह लोक देवता महोत्सव पूर्णरूपेण जनचेतना, जनशिक्षा, धर्म एवं भारतीय संस्कृति पर आधारित है. यह कार्यक्रम सामाजिक एवं धार्मिक जनचेतना के दृष्टिकोण से समाज के हित में काफी लाभदायक साबित होगा. महोत्सव में आयोजन समिति संरक्षक शंभू यादव, सिकेन्द्र यादव, अमरेन्द्र कुमार, परमेश्वरी यादव, सत्यनारायण यादव,संयोजक रामचन्द्र साह, सचिव नरेश राम, कोषाध्यक्ष फुलेन्द्र यादव, शंकर यादव, सुधीर मिश्रा, प्रदीप कुमार, कमल राम, संजय यादव, मोहन यादव, लक्ष्मी शर्मा, बेचन साह, नागो साह, सभापति खट्टर यादव, बद्री यादव, फुलेन्द्र कुमार, सुधीर यादव, बुच्चन यादव, गजेन्द्र यादव आदि उपस्थित थे.
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