मकर संक्रांति पर मां दुर्गा को लगा छप्पन भोग
मकर संक्रांति के बाद सूर्य का ताप बढ़ने लगता है
त्रिवेणीगंज. सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश के कारण होने वाले मकर संक्रांति को लेकर मुख्यालय स्थित सार्वजनिक बड़ी दुर्गा मंदिर में मंगलवार को 56 व्यंजनों का भोग लगाकर पूजा किया गया. साथ ही प्रसाद का भी वितरण किया गया. माता के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. मां के दरबार में यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है. मान्यता है कि भगवती को 56 भोग लगाने से क्षेत्र में सुख-समृद्धि आती है. शास्त्रों की मानें तो 56 व्यंजनों के भोग की परंपरा पहली बार वैष्णव परंपरा की देन है. भगवान कृष्ण द्वारा इंद्र के प्रकोप से लोगों की रक्षा के लिए उन्हें एक सप्ताह तक भूखे प्यासे रहकर गोवर्धन पर्वत को उठाना पड़ा था. प्रकोप खत्म होने के बाद लोगों ने प्रसन्न होकर पहली बार भगवान कृष्ण को 56 व्यंजनों का भोग चढ़ाया था. वैसे मात्र कहने को यह 56 व्यंजनों का भोग होता है, लेकिन गिनती में व्यंजनों का प्रकार ढाई सौ से भी अधिक होता है. मंदिर कमेटी के उप सचिव मनीष कुमार सिंह ने बताया कि धार्मिक मान्यता के अनुसार सूर्य पुराण के अनुसार तारा सूर्य की आदि शक्ति है. मकर संक्रांति के बाद सूर्य का ताप बढ़ने लगता है. सूर्य के ताप को नियंत्रित करने की कामना से माता दुर्गा को अन्न का भोग लगाया जाता है. उन्होंने बताया कि बुधवार को भंडारा का भी आयोजन किया जाएगा.
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