– कार्यकर्ता दर्शन सह संवाद यात्रा के चौथे चरण में रविवार को सर्किट हाउस में पत्रकारों से की बातचीत सुपौल. हमने जो वादे किए थे, उन्हें उपमुख्यमंत्री रहते हुए पूरा किया. नीतीश कुमार जो कहते थे कि पैसा अपने बाप के घर से लाएगा, उन्हीं से हमने नियुक्ति पत्र बंटवाए. खास तौर पर सरकारी नौकरियों के वादों को पूरा किया. यह कहना है बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का. बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव कार्यकर्ता दर्शन सह संवाद यात्रा के चौथे चरण में शनिवार देर शाम सुपौल पहुंचे. वही रविवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सर्किट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. पत्रकारों से बातचीत करते नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर तीखे हमले किए. नीतीश कुमार की राज्य यात्रा को फिजूलखर्ची करार दिया. उन्होंने कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य केवल प्रचार है, इससे जनता को कोई लाभ नहीं हो रहा. जो धन इस यात्रा पर खर्च हो रहा है, उसे जनता के कल्याण में लगाना चाहिए था. महिलाओं के सशक्तिकरण को लेकर तेजस्वी ने ””माई बहिन मान योजना”” को एक महत्वपूर्ण कदम बताया. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी महिला सशक्तिकरण और युवाओं के हित में लगातार कार्य कर रही है और आगे भी करेगी. कहा कि उनकी सरकार बनने पर हर महिला को 2500 रुपये प्रति माह उनके खाते में दिया जायेगा. कहा कि 2025 में राजद सरकार बनने पर महिलाओं को सशक्त, स्वस्थ, सुखी और स्वावलंबी बनाने के लिए माई-बहिन मान योजना शुरू किया जायेगा. तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा नीतीश कुमार की उम्र भले ही बढ़ गई हो, लेकिन उनकी योजनाएं और घोषणाएं अभी भी अधूरी और अपरिपक्व हैं. इतने पुल पुलिया गिरे. सभी परीक्षा का पेपर लीक होता है. किसी पर आज तक जांच पूरी हुई. उन्होंने जनता से आह्वान किया कि ऐसी सरकार को बदलने के लिए वे आगे आएं. तेजस्वी यादव ने रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी मुद्दों को लेकर सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी जनता की समस्याओं को समझकर उनका स्थायी समाधान देने की नीति पर काम कर रही है. लोग स्मार्ट मीटर, बिजली बिल एवं नए सर्वे को लेकर काफी परेशान है. कहा अगर हमारी सरकार आयेगी तो 200 यूनिट बिजली फ्री में दिलवाने का काम करेंगे. साथ ही वृद्धा पेंशन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत अभी 400 रुपये मिलता है, उसे बढ़ा कर पंद्रह सौ रुपये करने का काम करेंगे. कहा कि 2020 के विधान सभा चुनाव में काफी कम अंतर से हमलोग हारे थे. फिर भी सरकार बनी और हम उप मुख्यमंत्री बने. हमने 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था. हमने 17 महीने में 05 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दिया. 17 महीने में हमने जातीय आधारित जनगणना कराया. आरक्षण की सीमा को 75 प्रतिशत किया. भाजपा के आते ही आरक्षण समाप्त हो गया. 17 महीने में जो महागठबंधन की सरकार ने 75 प्रतिशत आरक्षण लागू कराया था. उसके लिए राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीम कोर्ट में लड़ रही है. अब जो बहाली हो रहा है. इस बहाली में पिछड़ा, अति पिछड़ा, दलित, आदिवासी समाज को आरक्षण नहीं मिल पा रहा है. कहा कि 17 महीने के सरकार में हमने आईटी, स्पोर्ट्स एवं टूरिजम पॉलिसी बनाया. स्पोर्ट्स पॉलिसी के माध्यम से 72 से अधिक खिलाड़ियों को अधिकारी रैंक का नौकरी देने का काम किया. बिहार में निवेश आए इसको लेकर हमलोगों ने एमओयू साइन कराया. आंगनबाड़ी, तालीम मरकज, विकास मित्र एवं टोला सेवक सभी के मानदेय को दोगुना किया. अब बिहार में डबल इंजन की सरकार है. मुख्यमंत्री कहते है कि बिहार गरीब राज्य है. तो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं दिला देते हैं. अब तो केंद्र में भी सरकार के साथ है. कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा अब नहीं मिलेगा तो कब मिलेगा. भाजपा के साथ जाते ही संगत का असर पड़ने लगता है. अब तो मुख्यमंत्री को बोलने ही नहीं दिया जा रहा है. आज से संवाद पर निकल रहे हैं. आज तक बिहार के इतना खर्चीला मुख्यमंत्री किसी ने नहीं देखा होगा. जो अपने जनता से मिलने के लिए 02 अरब 25 करोड़ 78 लाख रुपए खर्च कर दिए. एक तरफ कह रहे हैं कि बिहार गरीब राज्य है. यह जो यात्रा हैं यह अधिकारियों की लूट की छूट की यात्रा है. बिहार में लॉ एंड ऑर्डर बद से बदतर होते जा रहा हैं. नीति आयोग के सूचकांक को देख लीजिए पलायन, गरीबी, बेरोजगारी सहित कई मामले में बिहार निचले पायदान पर खड़ा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास न तो कोई विजन है और न ही कोई रोडमैप रह गया हैं. राज्य में जब तक स्थिर सरकार नहीं होगा. तब तक विकास संभव नहीं है. 2012 के बाद बिहार में कोई भी सरकार 05 साल तक स्थिर नहीं रहा है. मौके पर एमएलसी डॉ अजय कुमार सिंह, विधायक चन्द्रहास चौपाल, पूर्व विधायक यदुवंश कुमार यादव, जिलाध्यक्ष संतोष सरदार, अनोज कुमार आर्य, भूप नारायण यादव आदि मौजूद थे.
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