लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया की है बड़ी भूमिका : डीएम

राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर प्रेस का बदलता स्वरूप विषय पर गोष्ठी का आयोजन

By Prabhat Khabar News Desk | November 16, 2024 6:35 PM

– राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर प्रेस का बदलता स्वरूप विषय पर गोष्ठी का आयोजन सुपौल. राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर शनिवार को समाहरणालय स्थित लहटन चौधरी सभागार में प्रेस का बदलता स्वरूप विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसका उद्घाटन डीएम कौशल कुमार, एसपी शैशव यादव, डीडीसी सुधीर कुमार, एडीएम रशीद कलीम अंसारी, डीपीआरओ संदीप कुमार व मीडिया कर्मियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. गोष्ठी को संबोधित करते डीएम कौशल कुमार ने कहा कि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ मीडिया होता है. जिस प्रकार विधायिका, न्यायपालिका एवं कार्यपालिका की भूमिका लोकतंत्र में होती है. उसी तरह लोकतंत्र में मीडिया की बड़ी भूमिका होती है. लिहाजा मीडिया कर्मियों को अपनी भूमिका के प्रति ईमानदार होना चाहिए. उन्होंने मीडिया कर्मियों को सरकार द्वारा उन्हें देय सुविधा लेने की अपील की. कहा कि उन्हें खुशी होती की मीडिया के लिए बनाये गये आधुनिक भवन में इस गोष्ठी का आयोजन होता. इसके लिए जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी को मीडिया के साथियों को आपस में समन्वय बनाने की जिम्मेदारी दी गयी. कहा कि जब एक नहीं रहने पर हम कमजोर होने लगेंगे. सोशल मीडिया वर्तमान समय में एक चैलेंज बन गया है. सोशल मीडिया पर कई भ्रामक खबरें प्रसारित किया जाता है. ऐसी भ्रामक खबरों की सत्यता की जांच कर ही आगे की दिशा में बढ़ना चाहिए. आईना की तरह होता है मीडिया : पुलिस अधीक्षक पुलिस अधीक्षक एसपी शैशव यादव ने कहा कि मीडिया आईना की तरह होता है. इसमें स्वयं को देखना चाहिए. इससे अपनी कमियां स्पष्ट दिखती है. कहा कि कमियां से घबराना नहीं चाहिए, बल्कि कमियों को दूर करने की दिशा में कार्य करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कभी-कभी ऐसा देखा जाता है कि जल्दी खबर ब्रेक करने में भ्रामक खबर ब्रेक हो जाती है. जो परेशान उत्पन्न करता है. पहले हम आगे तो पहले हम की चक्कर में ना कर पहले खबरों की पुष्टि संबंधित अधिकारी से कर लें. इसके बाद खबरों को ब्रेक करें. इसमें प्रिंट मीडिया की भूमिका सराहनीय रही है. प्रिंट मीडिया के साथी खबरों की पुष्टि अधिकारी से करने के बाद ही खबरों को प्रकाशित करते हैं. ऐसा सभी मीडिया कर्मियों को करना चाहिए. कहा कि जब अपराध की खबरें छपती है तो उन्हें बुरा जरूर लगता है. लेकिन किस दिशा में पुलिस की कार्रवाई चल रही है. जब खबरें प्रकाशित होती है तो अनुसंधान सुगम हो जाता है. कहा कि मीडिया की खबरें से अपराध नियंत्रण व कानून व्यवस्था संधारित करने में निश्चित रूप से पुलिस प्रशासन को मदद मिलती है. लिहाजा मीडिया के साथ पुलिस प्रशासन का परस्पर समन्वय स्थापित होना चाहिए. गोष्ठी में प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथियों ने अपने हक के लिए आवाज उठाया. प्रशासन से सहयोग करने की अपील की. कहा कि खबर प्रकाशित करने में यदि उनलोगों को संबंधित अधिकारी का बयान मिल जाता है तो, खबर प्रकाशित करने में सहूलित होती है. लेकिन कई बार देखा जाता है कि संबंधित अधिकारी अपना सरकारी मोबाइल रिसीव करना मुनासिब नहीं समझते हैं. ऐसे में खबरों में त्रुटि रहने से इंकार नहीं किया जा सकता है. गोष्ठी का धन्यवाद ज्ञापन डीपीआरओ संदीप कुमार ने किया. मौके पर बड़ी संख्या में प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथी मौजूद थे.

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