सरायगढ़. प्रखंड क्षेत्र के सुपौल व सहरसा उप शाखा नहर से निकलने वाली विभिन्न माइनरों को लोगों ने साफ सफाई करवाने की मांग स्थानीय जनप्रतिनिधियों व विभागीय अधिकारियों से की है. बताया जाता है कि सुपौल व सहरसा उप शाखा नहर से निकलने वाली विभिन्न माइनर मरम्मत एवं विभागीय देख-रेख के अभाव में बड़ी बड़ी घास उग गयी है. इसके साथ माइनर भी क्षतिग्रस्त हो गया है. साथ ही लोगों द्वारा अवैध रूप से अतिक्रमण करने से माइनर व भीसी का अस्तित्व समाप्त होने के कगार पर है. प्रखंड क्षेत्र के पिपराखुर्द, नारायणपुर, झिल्लाडुमरी सहित अन्य गांवों के किसानों ने बताया कि पहले माइनर एवं भीसी से सिंचाई करने में सुविधा होती थी. जिससे किसानों को खेती बाड़ी करने में आसानी होती थी. लेकिन अब विभिन्न माइनरों में बड़ी बड़ी घास उग आयी है. साथ ही विभिन्न जगहों पर माइनर ही नहीं है तथा मरम्मत के अभाव में अस्तित्व ही समाप्त हो गया है. लोगों ने यह भी बताया कि माइनर के अतिक्रमण व क्षतिग्रस्त के कारण आवागमन करने में भी परेशानी होती है. मानसून के समय अगर कोशी बराज से पानी छोड़े जाने पर जहां-तहां पानी का रिसाव होने लगता है. जिससे किसानों के खेतों में लगी फसलें को नुकसान भी होता है. क्षेत्र के लोगों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों व विभागीय अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए विभिन्न माइनरों व भीसी को दुरुस्त करवाने की मांग की है.
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