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मां दुर्गा की उपासना को लेकर लोग उत्साहित, तीन को कलश स्थापना के साथ शुरू होगा नवरात्र

शारदीय नवरात्र के पहले दिन माता शैलपुत्री की उपासना की जाएगी

सुपौल. मां दुर्गा की उपासना को लेकर जिले काफी उत्साहित हैं. शहर से लेकर गांव तक पूरे जोर-शोर से दुर्गा उत्सव की तैयारियां चल रही है. बुधवार को महालया मनाया और गुरुवार को ग्रह गोचरों के शुभ संयोग में घरों, दुर्गा मंदिरों से लेकर पूजा पंडालों तक में कलश स्थापना होगी. कलश स्थापना के साथ नौ देवियों की पूजा शुरू की जायेगी. यह नवरात्र प्रतिपदा से शुरू होकर विजयादशमी 12 अक्तूबर को समाप्त होगा. कलश स्थापना को लेकर इन दिनों पूजन सामग्री, मां की पोशाक, चुनरी और कलश आदि की मांग बढ़ी है. भक्त कलश स्थापना के लिए आवश्यक सामग्री खरीदने बाजार पहुंच रहे हैं. शक्ति की उपासना का महापर्व शारदीय नवरात्र आश्विन शुक्ल प्रतिपदा में 03अक्तूबर (गुरुवार) को शुरू होगा. नवरात्र के दौरान देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना होगी. शारदीय नवरात्र के पहले दिन माता शैलपुत्री की उपासना की जाएगी. कलश स्थापना : शुभ मुहूर्त शुभ योग मुहूर्त : प्रातः काल सूर्योदय से लेकर दोपहर 02: 57 तक मां दुर्गा के नौ रूपों की जानें खासियत 1. शैलपुत्री : दुर्गा के इस रूप से हमें स्वाभिमानी बनने की प्रेरणा मिलती है. 2. ब्रह्मचारिणी : मां का यह यह रूप तपस्या का प्रतीक है. 3. चन्द्रघण्टा : संदेश मिलता है कि संसार में सदा प्रसन्न होकर जीवन यापन करना चाहिए. 4. कूष्माण्डा : मां का यह स्वरूप हमें संसार में स्त्री का महत्व समझाता है. 5. स्कंद माता : मां का यह रूप हमें बताता है कि स्त्री हो या पुरुष, हर कोई ज्ञान प्राप्त करने का अधिकारी है. 6. कात्यायनी : यह रूप घर-परिवार में बेटी की महत्ता को बताता है. 7. काल रात्रि : मां का यह रूप हमें स्त्री के भीतर विद्यमान अपार शक्ति का भान कराता है. 8. महागौरी : मां का यह रूप हमें हर परिस्थिति में संयमित रहने की सीख देता है. 9. सिद्धिदात्री : मां सिद्धिदात्री यानी हर सिद्धि को देने वाली हैं. स्त्रियों में भी यह गुण विद्यमान होता है. पूजन सामग्रियों से सजा बाजार, खरीदारी भी शुरू दुर्गा उत्सव को लेकर शहर के बाजार पूजन सामग्रियों से सज गये है. पूजा के लिए मिट्टी के कलश, नारियल, चुनरी, रोली, घी, धूप बत्ती, अगरबत्ती, हुमाद, सुपारी, जौ, कपूर सहित पूजा में इस्तेमाल होने वाली सभी सामग्री की लोग खरीदारी कर रहे हैं. दुकानदारों का कहना है कि महंगाई के कारण लोगों के घर का बजट भले ही गड़बड़ा रहा है, लेकिन देवी की आराधना करने में भक्त कोई कमी नहीं करते दिख रहे हैं. श्रद्धालुओं के बजट के अनुसार पूजन सामग्री मौजूद हैं. नौ दिन के व्रत में अन्न से परहेज किया जाता है, इसलिए बाजार में कुट्टू, सिंघाड़ा और साबूदाना अन्य सामग्रियों के भी स्टॉक दुकानदारों ने कर रखा है. उपवास के दौरान रखें अपनी सेहत का ख्याल श्रद्धालुओं के लिए उपवास का अपना एक विशेष महत्व है, लेकिन इस तथ्य से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि उपवास के दौरान शरीर पर भी असर पड़ता है. ऐसे में चिकित्सक डॉ राजाराम गुप्ता का कहना है कि उपवास के दौरान शरीर की अनदेखी न करें. उपवास का निर्णय व्यक्तिगत है, अगर आप डायबिटीक हैं तो आपको डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए. उपवास में आपके आहार व जीवन-शैली में बदलाव आता है, जिस पर अगर ध्यान न दिया जाये तो यह स्थिति कभी-कभी हानिकारक साबित हो सकती है. उपवास से जुड़ी स्वास्थ्य संबंधित जटिलताओं के बारे में विचार करने के बाद ही व्रत रखने का निर्णय लें. एक ही दिन मनेगी महाष्टमी व महानवमी पंडित धर्मेंद्र नाथ मिश्र ने बताया कि शारदीय नवरात्र में चतुर्थी तिथि दो दिन 06 व 07 अक्तूबर को रहेगी. वहीं, महाष्टमी व महानवमी का व्रत एक ही दिन 11 अक्तूबर (शुक्रवार) को किया जायेगा. नवरात्र के दौरान एक तिथि की वृद्धि और दो तिथि एक दिन हो जाने से दुर्गा पूजा पूरे 10 दिनों का रहेगा.

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