स्वास्थ्य प्रबंधक व लेखापाल की लापरवाही डीएम तक पहुंची, टीम ने की जांच प्रतापगंज. स्वास्थ्य प्रबंधक और लेखापाल की कथित लापरवाही की शिकायत डीएम तक पहुंचने के बाद गठित जांच कमेटी शनिवार को पीएचसी पहुंचकर सघन जांच की. डीएम द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच कमेटी में सीएस डॉ ललन ठाकुर, वीरपुर एसडीएम नीरज कुमार और डीपीएम मो मिन्नतुल्लाह शामिल थे. इस मौके पर चिकित्सा प्रभारी डॉ प्रसन्ना कुमार सिंह भी उपस्थित थे. डीएम को प्रेषित आवेदन में आवेदक शैलेश कुमार ने स्वास्थ्य प्रबंधक और लेखापाल पर आरोप लगाया था कि ये दोनों न तो समय पर पीएचसी आते हैं न ही पीएचसी कार्यों में रुचि रखते हैं. साथ ही लेखापाल पर यूपीआइ द्वारा सुविधा शुल्क की राशि वेंडर से पहले मंगवा लेने का भी गंभीर आरोप लगाया था. इसे गंभीरता से लेते हुए डीएम ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर जांच करने का जिम्मा सौंपा था. दिन के 11 बजे जांच कमेटी पीएचसी पहुंच कर लगाये गये आरोपों के संबंघ में पूछताछ की. आवेदक से पूछताछ करने पर उसने बताया कि वर्ष 2023 में ही जिलाधिकारी के आदेश के आलोक में पुराने प्रसव कक्ष को पीएचसी के नये भवन में हस्तांतरित करने का मिला था. उस कार्य को कराने के लिए उन्हें कहा गया था. उसने ससमय कार्य पूरा भी कर दिया. प्रसव कक्ष बनाने के बाद भुगतान के लिए अभिश्रव स्वास्थ्य प्रबंधक को समर्पित किया. लेकिन अब तक उस कार्य के एवज में राशि का भुगतान नहीं किया गया है. कमेटी के सदस्यों ने जब इस संबंध में बीएचएम से कार्य कराने के नियमों की जानकारी ली तो सारी सच्चाई सामने आ गयी. नये भवन में प्रसव कक्ष लाने के लिए कराये गये कार्यों में सरकारी नियमों का कोई भी पेपर प्रस्तुत नहीं किया जा सका. साथ ही आवेदक द्वारा लेखापाल पर वेंडरों से भुगतान पूर्व यूपीआइ द्वारा मंगाई गयी राशि के सबूत पर भी एसडीएम वीरपुर ने पूछताछ की. उन्होंने कहा कि यूपीआइ से मंगाई गयी राशि से स्पष्ट होता है कि इस कार्य में आपकी मिलीभगत है. उन्होंने डीपीएम से कहा कि आवेदक सहित बीएचएम और लेखापाल से आगे की कार्रवाई के लिए लिखित लें.
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