जन्म के पांच घंटे बाद नवजात की अस्पताल में मौत, परिजनों ने प्रबंधन पर लगाया लापरवाही का आरोप
थाना जाकर पुलिस से मदद मांगने पर एक पदाधिकारी अस्पताल पहुंचे. चिकित्सक से बातकर लौट गये. फिर भी एंबुलेंस नहीं मिला
छातापुर. सीएचसी छातापुर के प्रसव कक्ष में गुरुवार की देर रात समुचित उपचार के अभाव में एक नवजात की मौत हो गई. नवजात की मौत जन्म के पांच घंटे के बाद हुई है. सफलतापूर्वक हुए प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा दोनों ही पूरी तरह स्वस्थ थे. लेकिन जन्म के आधे घंटे बाद बच्चे को सांस लेने में दिक्कत होने लगी. परिजनों ने ड्यूटी पर मौजूद एएनएम को इसकी जानकारी दी. जिसके बाद एएनएम ने बच्चे को देखकर उसे बाहर ले जाकर इलाज कराने की सलाह दी. चिकित्सक से पुर्जा पर रेफर लिखवाकर परिजनों को थमा दिया. परिजनों ने पहले तो अपने गरीबी का हवाला देकर सीएचसी में ही बच्चे का इलाज करने की गुहार लगाई. लेकिन इसके लिए कोई तैयार नहीं हुआ. जिसके बाद परिजन बच्चे को सुपौल ले जाने के लिए एंबुलेंस की खोज करने लगे. परंतु अस्पताल प्रबंधन द्वारा एंबुलेंस भी उपलब्ध नहीं कराया गया. नतीजा हुआ कि उपचार के अभाव में बच्चे ने दम तोड़ दिया. यह जानकारी प्रसूता के पति व जीवछपुर वार्ड संख्या एक निवासी प्रदीप सादा ने दी. उन्होंने बच्चे की मौत के लिए सीएचसी पर लापरवाही का आरोप लगाया. कहा कि उनकी पत्नी 26 वर्षीया खुशबू देवी को प्रसव पीड़ा के बाद गुरुवार शाम में सीएचसी में भर्ती कराया गया था. करीब साढे सात बजे बच्चे का जन्म हुआ. बताया कि चिकित्सक द्वारा रेफर करने के बाद वह एंबुलेंस के लिए भटकते रहे. थाना जाकर पुलिस से मदद मांगने पर एक पदाधिकारी अस्पताल पहुंचे. चिकित्सक से बातकर लौट गये. फिर भी एंबुलेंस नहीं मिला. कहते हैं सीएचसी प्रभारी
डॉ नवीन कुमार ने बताया कि रात्रिकाल नवजात की नाजुक स्थिति रहने तथा पुलिस के सीएचसी पहुंचने की सूचना उन्हें नहीं दी गई. इस संदर्भ में ड्यूटी पर रहे चिकित्सक एवं एएनएम से जानकारी ले रहे हैं. चिकित्सक से स्पष्टीकरण भी पूछा जाएगा. यह भी बताया कि जन्म के बाद नवजात को सांस लेने में दिक्कत रहने पर उसे रेफर कर दिया गया था. लेकिन परिजन बच्चे को इलाज कराने नहीं ले गये. ऐसे में बच्चे को ऑक्सीजन लगाकर रखा गया था.
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