चौथे दिन भी हड़ताल पर रहे एनएचएम कर्मी
एनएचएम कर्मी के हड़ताल पर रहने से कार्य करने में दिक्कत हो रही है
-पारा मेडिकल छात्रों के हवाले स्वास्थ्य व्यवस्थासुपौल. 10 सूत्री मांगों के समर्थन में एनएचएम कर्मी की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुक्रवार को चौथे दिन भी जारी रहा. विरोध-प्रदर्शन कर रहे एनएचएम कर्मियों द्वारा एफआरएएस को वापस लेने एवं संबंधित विभाग के खिलाफ नारेबाजी की. गौरतलब है कि राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार के आदेशानुसार सभी एनएचएम पदाधिकारी एवं कर्मियों को एफआरएएस से उपस्थिति दर्ज कराना सुनिश्चित किया गया है. हड़ताल पर बैठे कर्मियों ने बताया कि हम सभी एनएचएम कर्मियों पर ही एफआरएएस नियम ही क्यों लागू होता है, यदि एफआरएस लागू करना ही है तो स्वास्थ्य विभाग के सभी कर्मियों पर लागू हो. ऐसा करना एनएचएम कर्मियों के साथ सौतेला व्यवहार करने के समान है.
256 एनएचएम कर्मी हैं हड़ताल पर
हड़ताल पर एनएचएम कर्मी के हड़ताल से सदर अस्पताल सहित सभी स्वास्थ्य केंद्र एवं हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर व्यापक असर पड़ा है. मालूम हो कि जिले में 256 एनएचएम कर्मी हैं, जिसमें 35 स्टाफ नर्स, 45 सीएचओ एवं बाकी एएनएम कर्मी हैं. इनके हड़ताल पर चले जाने से स्वास्थ्य विभाग को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सदर अस्पताल की बात करें तो यहां के 13 एनएचम स्टॉफ हड़ताल पर हैं. जिसमें 04 इमरजेंसी, एक ब्लड बैंक, तीन एसएनसीयू, तीन एनआरसी तथा दो पोस्टमार्टम एवं इंजुरी रिकॉर्ड रूम में कार्यरत हैं. एनआरसी में कार्यरत एफडी स्वीटी कुमारी ने बताया कि यहां पर तीन नर्सिंग स्टॉफ कार्यरत हैं. जिनके हड़ताल पर चले जाने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. अभी कोई भी बच्चा भर्ती नहीं है. यदि कोई कुपोषित बच्चा आता है, तो परेशानी हो जायेगी. चिकित्सकीय सेवा नहीं मिल पायेगा. वहीं डीएम के आदेशानुसार महीने में चार कुपोषित बच्चा भेजने का हरेक स्वास्थ्य केंद्र को आदेश दिया गया था. यहां कभी भी कुपोषित बच्चा आ सकता है. लेकिन मेडिकल स्टाफ नहीं रहने के कारण भारी समस्या उत्पन्न हो सकती है.पारा मेडिकल के छात्रों से लिया जा रहा काम
कुछ ऐसा ही हाल सदर अस्पताल के इमरजेंसी सेवा का भी है. जहां कार्यरत चार नर्सिंग स्टाफ हड़ताल पर हैं. ब्लड बैंक का भी एक कर्मी हड़ताल पर है. वहीं पोस्टमार्टम एवं इंजुरी रिकॉर्ड रूम के दोनों कर्मी हड़ताल पर हैं. जहां भी यही समस्या उत्पन्न हो रही है. सदर अस्पताल में कार्यरत एनएचएम कर्मी के हड़ताल पर चले जाने से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गयी है. इनके जगह पारा मेडिकल के छात्रों द्वारा काम लिया जाता है. जो कहीं से उचित नहीं है. इमरजेंसी सेवा में भी इन्हीं छात्रों द्वारा प्राथमिक उपचार किया जाता है. सिविल सर्जन डॉ ललन ठाकुर ने बताया कि एनएचएम कर्मी के हड़ताल पर रहने से कार्य करने में दिक्कत हो रही है. किसी प्रकार से काम चलाया जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है